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Bharatpur Royal Family Dispute: भरतपुर राजपरिवार की लड़ाई पहुंची कोर्ट, पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पत्नी और बेटे पर लगाए ये आरोप

Bharatpur Royal Family Dispute: भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर राजपरिवार के बीच करीब 4 साल से चली आ रही लड़ाई कोर्ट पहुंच गई है। राजपरिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिक के रूप में भरण पोषण खर्च की मांग की।...
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Bharatpur Royal Family Dispute: भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर राजपरिवार के बीच करीब 4 साल से चली आ रही लड़ाई कोर्ट पहुंच गई है। राजपरिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिक के रूप में भरण पोषण खर्च की मांग की। साथ ही पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ प्रार्थना-पत्र दिया है।

इसमें पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और बेटे उनके साथ मारपीट करते हैं। उन्हें भरपेट खाना तक नहीं मिलता। इससे तंग आकर उन्होंने घर तक छोड़ दिया है।

विश्वेन्द्र सिंह हृदय रोग से भी पीड़ित

पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पत्र में लिखा है कि वह वरिष्ठ नागरिक हैं। हृदय रोग से भी पीड़ित है। उनको हृदय में दो स्टंट डाले गए है। इसके कारण वे टेंशन सहन नहीं कर पाते है। वे वर्ष 2021 व 2022 में दो बार कोरोना से ग्रसित रहे है। इस दौरान पत्नी और बेटे ने कोई सहायता नहीं की और न ही कोई देखने आया था।

उन्होंने अपने पिता से वसीयत के जरिए प्राप्त संपत्तियों पर अपना स्वामित्व जताया है। वहीं यह भी आरोप लगाया कि पत्नी और बेटा कुछ वर्षों से उनके साथ बुरा बर्ताव कर रहे हैं। एक बार उनके पहनने के कपड़े तब फाड़कर जला दिए गए थे। वहीं पत्नी और बेटे ने कागजात आदि फाड़ दिए थे।

बेटा और पत्नी खाना आधा देते

पू्र्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने प्रार्थना पत्र में यह भी आरोप लगाया कि यहां तक कि चाय-पानी बंद करा दिया गया था। इस दौरान खाना भी आधा पेट दिया गया। क्षेत्र से आने वाले लोगों से मिलने नहीं दिया जाता है। उनको बिना अनुमति बाहर आना-जाना बंद कर दिया। उनकी गाड़ी का ड्राइवर हटा दिया गया है।

उन्होंने जान को खतरा होने और पत्नी बेटे पर संपत्ति (Bharatpur Royal Family) हड़पने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। विश्वेंद्र सिंह ने परिवाद में कहा कि उनके साथ मारपीट हुई, एक कमरे तक सीमित कर दिया गया है। अब कभी सरकारी निवास तो कभी होटल में रहना पड़ रहा है।

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भरतपुर निवास में नहीं घुसने देते

उनको भरतपुर आने पर निवास में नहीं घुसने दिया जाता है। उन्होंने घर के स्टोर में करोड़ो रुपए की वस्तुएं छोड़ने की बात कही है। वहीं, स्वामित्व के 912 लाख के सोने-चांदी के जवाहरात और आभूषण बताए हैं। उन्होंने प्रार्थना पत्र में सोशल मीडिया और मोबाइल के जरिए विभिन्न प्रकार की टिप्पणी कर बेइज्जत करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने खुद पर खतरा बताते हुए कहा कि अब उनका घर में इनके साथ रह पाना संभव नहीं है। उनको पत्नी और बेटे से पांच लाख रुपए प्रतिमाह (Bharatpur Royal Family) भरण-पोषण दिलाया जाए।

विश्वेन्द्र सिंह ने मांगा कब्जा

इसके साथ ही मोती महल, कोठी दरबार निवास, सूरज महल, गोलबाग परिसर स्थित सभी भवन, मंदिर, देवालय आदि का कब्जा दिलाया जाए। सभी पैलेसियल आइटम फर्नीचर, भवनों में स्थित साज सज्जा का सामान, यूटेन्सियल्स, कालीन, ट्रॉफी सहित अन्य सामान दिलाया जाए। उनकी दो बंदूकें पत्नी और बेटे के कब्जे से दिलाई जाएं।

वहीं, इन आरोपों को लेकर पुत्र अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सभी उनके पिता के लगाए गए सभी आरोप झूठें है। उनके पास फाइनेंशियल फ्रॉड और संपत्ति को गलत तरीके से बेचने के साक्ष्य हैं। जिनको आवश्यकता पड़ने पर इन साक्ष्यों को एसडीएम कोर्ट में पेश करेंगे।

बेटे अनिरुद्ध सिंह का बयान

भरतपुर राजपरिवार के सदस्य विश्वेन्द्र सिंह द्वारा वरिष्ठ नागरिक के रूप में भरण पोषण खर्च की मांग की। इसके अलावा पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ उपखंड अधिकारी के ट्रिब्युनल में प्रार्थना-पत्र दिया गया है। इसके बाद बेटे अनिरुद्ध सिंह और पत्नी दिव्या सिंह ने विश्वेन्द्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इसी बीच अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हम लोगों को पिता विश्वेंद्र सिंह जी बदनाम कर रहे। हमें घर देखना है, काम धंधा देखना है। साथ ही परिवार देखना है, सोशल लाइफ भी देखनी है।

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पत्नी दिव्या सिंह का बयान

उस दिन देखेंगे कि ये किस फोरम में जाएंगे। वहीं दिव्या सिंह ने कहा, " मैं 3 साल से बिल्कुल चुप हूं। मेरे साथ 33 साल में क्या हुआ। इस पर मैं मुंह खोल दूं, तब मामला सुप्रीम कोर्ट ही पहुंच जाएगा। मैं पहली बार अपने बेटे अनिरुद्ध के साथ बैठी हूं। अपने 15-20 लोगों से पति विश्वेन्द्र सिंह जी कुछ भी बकवास छपवा देते हैं।"

उन्होंने कहा, "मेरा बेटा अगर मां की सुरक्षा कर रहा है, तो यह अच्छा ही है। यह बेटा सारा मसला तब शुरू हुआ जब ये मोती महल बेचने वाले थे। सब कुछ बेच ही चुके हैं। अब मोती महल ही बचा है। मैं और बेटा मरते दम तक मोती महल को बचाउंगी।"

मोती महल बेचने के आरोप बिल्कुल झूठ 

भरतपुर- पूर्व राज परिवार के सदस्य और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पत्नी पूर्व सांसद दिव्या सिंह व बेटे अनिरुद्ध सिंह पर अत्याचार का आरोप लगाया। साथ ही उपखंड अधिकारी के ट्रिब्युनल में प्रार्थना-पत्र पेश किया था। इसके बाद उनकी पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने उनपर मोती महल बेचने सहित गंभीर आरोप लगाए। इस बाबत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।

अब पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट शेयर किया है। इसमें पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह के मोती महल को बेचने वाले आरोप को सरासर झूठ बताया है। सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्होंने लिखा कि मोती महल जो सम्पूर्ण भरतपुर जिले की ऐतिहासिक विरासत है। उसको बेचने के आरोप मेरी पत्नी और बेटे ने मुझपर लगाए हैं। वो सरासर झूठे और निराधार हैं।

उन्होंने कहा, " इस ऐतिहासिक विरासत को बेचने की मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता। मोती महल जो राजपरिवार एवं भरतपुर जिले की पहचान है। उस ऐतिहासिक विरासत की एक इंच जमीन भी मेरी आखिरी सांस तक बेचने नहीं दूंगा।"

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