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Banswara News: भारत आदिवासी पार्टी के अध्यक्ष ने अनुशासनहीनता पर की कार्रवाई, इस विधायक को भी थमाया नोटिस

Banswara News: बांसवाड़ा। लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा- डूंगरपुर सीट पर जीत के बाद भारत आदिवासी पार्टी में सब ठीक नहीं चल रहा है। दो दिन पहले बांसवाड़ा के आठ पदाधिकारी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष...
01:58 PM Jun 24, 2024 IST | Prashant Dixit

Banswara News: बांसवाड़ा। लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा- डूंगरपुर सीट पर जीत के बाद भारत आदिवासी पार्टी में सब ठीक नहीं चल रहा है। दो दिन पहले बांसवाड़ा के आठ पदाधिकारी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने मध्य प्रदेश में अपने एकमात्र विधायक सैलाना के कमलेश्वर डोडियार को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर नोटिस (Banswara) थमाया है।

सैलाना सीट से विधायक को नोटिस

राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत की ओर से मध्य प्रदेश के रतलाम की सैलाना सीट से विधायक डोडियार को दिए नोटिस में कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व भी अनुशासनहीनता को लेकर नोटिस दिया गया था, अब लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भी अनुशासनहीनता की जा रही है। आपके द्वारा भील प्रदेश राज्य के नाम को लेकर अकारण विवाद खड़ा किया जा रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विधायक पर राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के भारत आदिवासी पार्टी से जुड़े असंतुष्ट लोगों के साथ मिलकर एक समानांतर गुट बनाने का भी आरोप लगाया है।

नोटिस का विधायक से जवाब मांगा

मोहनलाल रोत ने विधायक को दिए गए दोनों नोटिस का जवाब 30 जून के पहले देने को कहा है। इसके साथ ही चेतावनी दी है कि नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर पार्टी नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। वीएपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने दो दिन पहले बांसवाड़ा के मणिलाल गरसिया, दिनेश डाबी, राकेश डिंडोर, मुकेश राणा, राजू राणा, नारायण बामनिया, पवन बुझ और तेजकरण मईडा को निष्कासित कर दिया था। इसमें मणिलाल गरासिया बांसवाड़ा की गढ़ी सीट से कांग्रेस की पूर्व विधायक रही कांता भील (Banswara) के पति हैं।

निष्कासित किए गए 8 पदाधिकारी

मणिलाल गरासिया ने नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी से चुनाव लड़ा था। इन सभी निष्कासित किए गए पदाधिकारियों पर आरोप था कि ये सभी बीएपी के समान दूसरा संगठन बनाने के लिए विरोधी लोगों से लगातार संपर्क कर रहे थे। यह सौदेबाजी करने लगे थे। इन सबकी पूरी पुख्ता जानकारी मिलने के बाद सुधरने का भी मौका दिया गया, लेकिन कोई बदलाव नहीं आया। तो निष्कासित किया जा रहा है। जिसके बाद से बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी में हलचल तेज (Banswara) हो गई है।

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