चर्चा में है ये भात रस्म, बेटी की डोली उठते ही हर किसी की आंखें हो गईं नम
Bhaat Rituals in Hanumangarh हनुमानगढ़: राजस्थान के हनुमानगढ़ में भात रस्म की चर्चा इन दिनों चारों ओर हो रही है। वैसे तो शादी को लेकर हर जगह कुछ न कुछ रीति-रिवाज है। राजस्थान में भी शादी में कई रस्में आज भी बखूबी निभाई जाती हैं। इन रस्मों में से एक रस्म भात रस्म है। इसमें लड़की की शादी पर उसके मामा भात भरते हैं। मामा भांजी की शादी में करोड़ों का मायरा भी भरते हैं। लेकिन, हनुमानगढ़ में एक शादी में भात रस्म की चर्चा चारों ओर हो रही है। आखिर ये भात रस्म चर्चा में क्यों है आइए जानते हैं।
चारों ओर हो रही इस भात रस्म की चर्चा
हनुमानगढ़ जिले की भादरा तहसील के गांव गांधी बड़ी में लोगों ने सामाजिक समरसता की अच्छी मिसाल पेश की है। सोमवार को जिस किसी ने इस पहल के बारे में सुना, इसकी सराहना की। कई लोगों की आंखें नम हो गईं। दरअसल गांधी बड़ी की एक बहन मोहलता जिसके दोनों भाइयों का स्वर्गवास हो चुका है। पिता भी नहीं हैं। ऐसे में गांधी बड़ी के ग्रामीणों और उनके परिवार वालों ने रामसरा नोहर में जाकर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। गांव वालों ने सामूहिक भात भरकर सामाजिक समरसता बढ़ाई।
भाई और पिता न होने पर ग्रामीणों ने भरा भात
ग्रामीणों की तरफ से लगभग 2 लाख 21 हजार का मायरा भरा गया। वहीं, बहन के परिवार की तरफ से 51 हजार और गांधी बड़ी सरपंच प्रतिनिधि नन्दलाल विशु द्वारा 31 हजार का सहयोग किया गया। गांव गांधी बड़ी की मनोहरी देवी के दोहिते और दोहतियों की शादी रविवार, 14 जुलाई को रामसरा नोहर में होनी थी। ऐसे में मनोहरी देवी की एक छोटी सी अपील पर ग्रामीणों और युवाओं ने एकमत होकर भात भरने का फैसला लिया।
भात रस्म में पहुंचे 150 ग्रामीण
गांधी बड़ी से लगभग 150 ग्रामीण व महिलाएं भात लेकर अपने अपने वाहनों से विवाह स्थल रामसरा पहुंचे। बिन भाइयों की बहन के भाई बनकर भात भरा। रामसरा और आसपास के क्षेत्र में गांधी बड़ी के इस कार्य की प्रशंसा हो रही है। दोनों बहनों की डोली जब घर से उठी तो मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गई। ऐसा लग रहा था जैसे उनकी ही बेटियों की विदाई हो रही हो।
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