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बोरवेल में जिंदगी की जंग! दौसा का आर्यन 24 घंटे से 160 फीट नीचे फंसा...किस टेक्निक से निकाला जाएगा मासूम?

Dausa Borewell Accident Rescue News: राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड गांव में एक बार फिर जमीन के नीचे सैकड़ों फीट की बोरवेल एक मासूम की जिंदगी पर बन आई है जहां 5 साल का मासूम आर्यन 160 फीट गहरे...
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Dausa Borewell Accident Rescue News: राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड गांव में एक बार फिर जमीन के नीचे सैकड़ों फीट की बोरवेल एक मासूम की जिंदगी पर बन आई है जहां 5 साल का मासूम आर्यन 160 फीट गहरे बोरवेल में करीब 147 फीट पर अटका हुआ है. बीते सोमवार को दोपहर बाद करीब 3:30 बजे आर्यन खेलते समय बोरवेल में गिर गया जिसके बाद से करीब 24 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है और आर्यन को बचाने की जद्दोजहद की जा रही है.

पिछले करीब 24 घंटे में कालीखाड़ गांव में बोरवेल के आसपास 7 जेसीबी और 3 एलएनटी मशीनें लगातार खुदाई में लगी हुई है लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है. आर्यन को बचाने आई एनडीआरएफ की टीम के मासूम को बाहर निकालने के 5 देसी जुगाड़ भी फेल हो गए हैं. वहीं जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार अलग-अलग तरीकों से आर्यन को बाहर निकालने में जुटी हुई है. आइए जानते हैं कि अब आर्यन का रेसक्यू ऑपरेशन किस दिशा में आगे बढ़ रहा है.

NDRF के 4 प्रयास हुए फेल!

बता दें कि 5 साल के आर्यन को बचाने के लिए एनडीआरएफ पूरे प्रयास कर रही है. इससे पहले चार प्रयास फेल हो गए हैं और अब पांचवें प्रयास में बोरवेल में अम्ब्रेला उपकरण को इंस्टॉल किया गया है जिसमें एक रिंग उपकरण को सेट किया गया है. इसमें रिंग उपकरण में बच्चे का हाथ या पैर फंसाकर बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी.

वहीं एनडीआरएफ टीम का कहना है कि अगर रिंग में फंसकर बच्चा बाहर नहीं निकाला जा सका तो बगल में गहरी खुदाई करके बच्चे को बाहर निकाला जाएगा. इसके साथ ही सवाई माधोपुर से दो हाईटेक मशीनें भी मंगवाईं गई हैं जिनकी मदद से सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी. अब बोरवेल के बगल में एक गड्ढा खोदा जा रहा है जिसमें करीब 50 फीट से ऊपर की खुदाई हो चुकी है.

कलेक्टर और एसपी क्या बोल रहे हैं?

वहीं रेसक्यू ऑपरेशन पर लगातार निगरानी कर रहे कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने कहा कि बोरवेल में अम्ब्रेला उपकरण को बच्चे से नीचे उतारा जा चुका है जिसके बाद अब बच्चे के बोरवेल में और नीचे गिरने की संभावना ना के बराबर है. वहीं एनडीआरएफ एक रिंग उपकरण भी डाल चुका है जिसकी मदद से बच्चे को बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है. कलेक्टर ने बताया कि पॉकलैंड मशीन, जेसीबी से भी लगातार खुदाई चल रही है. वहीं पाइलिंग मशीन भी मंगवाई गई है, हालांकि फिलहाल हम बच्चे से बातचीत नहीं कर पा रहे हैं.

वहीं एसपी रंजीता शर्मा ने कहा कि हम रेस्क्यू के लिए 2 तकनीक अपना रहे हैं जहां रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत 2 टीम एनडीआरएफ की आई है और एसडीआरएफ की स्थानीय टीम भी साथ में काम कर रही है. एसपी के मुताबिक हम टनल बनाकर बच्चे तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं और दूसरी तकनीक में रिंग उपकरण बोरवेल में डालकर बच्चे को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाए.

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