भारत-पाक सीमा पर बढ़ी हलचल! जीरो पॉइंट पहुंची पाकिस्तानी ट्रेन पर भारत ने जताई आपत्ति, जानें क्या है मामला!
Barmer News: भारत-पाकिस्तान सीमा हमेशा से ही सुरक्षा और रणनीतिक नजरिए से संवेदनशील रही है। ऐसे में जब पाकिस्तान की एक ट्रेन 100 से ज्यादा टूरिस्ट को लेकर बॉर्डर के जीरो पॉइंट तक पहुंच गई, तो भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। यह घटना 9 फरवरी की है, जब यह ट्रेन अचानक जीरो लाइन तक आ गई। इस कदम ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया और चौकसी बढ़ा दी गई।
दरअसल, पाकिस्तान ने 2005 में खोखरापार (जिसे अब मारवी स्टेशन कहा जाता है) रेलवे स्टेशन का निर्माण भारत के विरोध के बावजूद कर दिया था। अब, पाकिस्तान ने भारत को सूचना दी थी कि वहां एक टूरिस्ट ट्रेन आएगी, (Barmer News) लेकिन जब ट्रेन जीरो पॉइंट तक पहुंची, तो भारतीय एजेंसियों ने इस पर कड़ा रुख अपनाया।
बाड़मेर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डीआईजी राजकुमार बसाटा ने बताया कि पाकिस्तान ने पहले ही जानकारी दी थी कि ट्रेन मारवी स्टेशन तक आएगी। इसके बावजूद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ऐहतियात बरतते हुए कड़ी निगरानी रखी और साफ कर दिया कि किसी भी हालत में सीमा की गाइडलाइंस का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह सिर्फ एक टूरिस्ट ट्रेन थी या इसके पीछे कोई और रणनीति थी? भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।
सीमा सुरक्षा को लेकर BSF सतर्क
बाड़मेर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डीआईजी राजकुमार बसाटा ने बताया कि हमने ऐहतियात के तौर पर सीमा की तरफ किसी को भी न आने की हिदायत दी थी। पाकिस्तान ने इस बात को सुनिश्चित भी किया था। इसके बावजूद, भारत ने अपनी ओर से अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई। वॉच टावर और जीरो लाइन पर चौकसी बढ़ा दी गई ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि न हो सके। फिलहाल यह ट्रेन एक बार ही आई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।
पाकिस्तानी टूरिस्ट के साथ आए रेंजर्स
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान से जीरो पॉइंट पर आई ट्रेन में टूरिस्ट के साथ-साथ पाकिस्तानी रेंजर्स भी मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने बॉर्डर गाइडलाइन का उल्लंघन किया या नहीं, इस पर BSF के अधिकारियों से अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है।
रेलवे स्टेशन निर्माण में पाकिस्तान ने तोड़े...
भारत और पाकिस्तान के बीच 2006 में मुनाबाव (राजस्थान) से खोखरापार (सिंध, पाकिस्तान) तक थार एक्सप्रेस चलाई गई थी। भारत ने जीरो लाइन से 1 किलोमीटर दूर मुनाबाव में इमिग्रेशन सेंटर और रेलवे स्टेशन बनाया था, लेकिन पाकिस्तान ने इंटरनेशनल नियमों को दरकिनार कर जीरो लाइन के ठीक पास छपरेनुमा रेलवे स्टेशन बना दिया। भारत ने इसका विरोध भी किया था, लेकिन पाकिस्तान ने इसे नजरअंदाज कर निर्माण पूरा कर लिया।
थार एक्सप्रेस 2019 से बंद....
पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण 2019 में थार एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया था। तब से दोनों देशों के रेलवे स्टेशन भी निष्क्रिय पड़े हैं। हालांकि, पाकिस्तान से विस्थापित हिंदू समुदाय लगातार इस ट्रेन को दोबारा शुरू करने की मांग कर रहा है, लेकिन अब तक इसे बहाल नहीं किया गया है।
क्या है पाकिस्तान की 'सिंध डेजर्ट सफारी' योजना?
अब पाकिस्तान ने ‘सिंध डेजर्ट सफारी’ नाम से एक नई रेल सेवा शुरू की है, जिसका अंतिम स्टेशन मारवी (खोखरापार) रखा गया है। यह स्टेशन भारत-पाकिस्तान जीरो लाइन के ठीक पास स्थित है। कराची से चलने वाली यह ट्रेन दो दिन के सफर में यात्रियों को थारपारकर रेगिस्तान तक ले जाती है। पाकिस्तान इसे पर्यटन विकास का नाम दे रहा है, लेकिन भारत की सुरक्षा एजेंसियां इसे लेकर सतर्क हैं।
भारत में कड़ी सुरक्षा, बॉर्डर एरिया में प्रतिबंध जारी
भारत में यह इलाका सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाता है। यहां स्थानीय लोगों के अलावा किसी को भी बिना इजाजत आने की अनुमति नहीं है। पाकिस्तान की इस नई गतिविधि को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता बरत रही हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके।
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