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Barmer jaisalmer Result Analysis: 2 हैंडपंप ने बिगाड़ा PM मोदी के इस मंत्री का खेल!, इस बार 3 लाख का आंकड़ा भी नहीं छू पाए

Barmer jaisalmer Result Analysis बाड़मेर: राजस्थान में पिछले 2 बार के लोकसभा चुनावों में 25 की 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार बड़ा झटका लगा है। इस बार बीजेपी महज 14 सीटों पर ही सिमट गई। कांग्रेस और INDI...
08:30 AM Jun 06, 2024 IST | Amit Jha

Barmer jaisalmer Result Analysis बाड़मेर: राजस्थान में पिछले 2 बार के लोकसभा चुनावों में 25 की 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार बड़ा झटका लगा है। इस बार बीजेपी महज 14 सीटों पर ही सिमट गई। कांग्रेस और INDI गठबंधन 11 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रहा। यहां तक कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 3 लाख 23 हजार 808 वोटों से जीतकर केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बने कैलाश चौधरी, इस बार 3 लाख वोट का आंकड़ा भी नहीं छू पाए। इसका सबसे बड़ा कारण निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी रहे हैं। यही वजह है कि कैलाश चौधरी को इतनी बड़ी हार का सामना करने के साथ ही तीसरे नंबर पर रहना पड़ा। हालांकि, कैलाश चौधरी अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे।

युवा विधायक ने इतनी शिद्दत से चुनाव लड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगाकर बीजेपी के बड़े-बड़े स्टार प्रचारकों और यहां तक राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक को करीब सप्ताह भर कैंप करना पड़ा। भाटी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से 5 लाख 86 हजार 500 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

इसलिए बीजेपी से भाटी ने बनाई दूरी

जानकारी के मुताबिक बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा के दुधोड़ा गांव के रहने वाले रविंद्र सिंह भाटी 2023 का विधानसभा चुनाव बीजेपी की टिकट पर अपनी ही विधानसभा से लड़ना चाहते थे। इसी वजह से रविंद्र भाटी ने जयपुर बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, राजेंद्र राठौड़ की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन की। लेकिन, सप्ताह बाद जब बीजेपी ने जब शिव विधानसभा से उस समय के बीजेपी जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा को अपना प्रत्याशी बनाया तो रविंद्र भाटी ने बीजेपी से दूरी बनाकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और पंचकोणीय मुकाबले में करीब 4 हजार के अंतर से जीत दर्ज कर ली।

2 हैंडपंप ने बिगाड़ा मोदी के मंत्री का खेल!

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधायक बनने के बाद भी बीजेपी ने रविंद्र भाटी को इतनी तवज्जो नहीं दी। बीजेपी ने अपने हारे हुए प्रत्याशी स्वरूप सिंह खारा की डिजायर पर 10 हैंडपंप और भाटी की डिजायर पर 2 हैंडपंप का लेटर जारी किया। कहा जा रहा है इन दो हैंडपंप वाले लेटर ने ही रविंद्र भाटी को लोकसभा चुनाव लड़ने पर मजबूर कर दिया। भाटी और उनकी टीम ने कड़ी मेहनत से ऐसा चुनाव लड़ा कि उसका हश्र ये हुआ कि मोदी के मंत्री कैलाश चौधरी को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा। बाड़मेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने सबसे अधिक 7 लाख 4 हजार वोट लाकर अपनी जीत दर्ज की। निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी 5 लाख 86 हजार 500 वोट लेकर दूसरे और कैलाश चौधरी 2 लाख 86 हजार 733 वोट लाकर तीसरे नंबर पर रहे।

जनता का अपार समर्थन मिला है, और अधिक मेहनत करके लौटूंगा

अपनी हार के बाद रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी टीम की मेहनत के लिए हौसला अफजाई की। रविंद्र भाटी ने कहा, "इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा लोकसभा चुनाव लड़ना और इतने वोट लाना कोई छोटी बात नहीं है। बाड़मेर-जैसलमेर और बालोतरा की जनता ने मुझे अपार जनसमर्थन दिया हैं। मैं उनका आभारी हूं और हमेशा उनके साथ खड़ा हूं। मेरी टीम ने कड़ी मेहनत की है और कहीं ना कहीं कमी रही है तो मुझमें ही रही है। हम मजबूत हैं, एक हार किसी का भविष्य तय नहीं करती। मैं फिर मेहनत करके मैदान में लौटूंगा।"

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