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राजस्थान के इन 9 जिलों में लोग नहीं कर सकते आपस में शादी! 10 हजार से अधिक में एक भयावह बीमारी का खौफ!

राजस्थान के आदिवासी इलाके के 9 जिलों में 10,746 लोग ऐसे हैं जिनकी पहचान गुलाबी और नीले कार्ड से होती है.
11:41 AM Feb 03, 2025 IST | Rajasthan First

Sickle Cell Anemia Banswara: राजस्थान के आदिवासी इलाके में गंभीर आनुवांशिक बीमारी सिकल सेल एनीमिया का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है जहां हजारों लोगों की जिंदगी इस लाइलाज बीमारी ने बदल दी है. यह बीमारी लगातार जिले के कई गांवों में पैर पसार रही है.

इन गांवों में हालात ऐसे हैं कि लोगों की पहचान तक बीमारी के बाद बने कार्ड से हो रही है. जी हां, हम बात कर रहे हैं सूबे के आदिवासी इलाके के 9 जिलों की जहां पहचान के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट जैसी चीजें काम में नहीं ली जाती है बल्कि प्रदेश के 9 जिलों के 10,746 लोग ऐसे हैं जिनकी पहचान गुलाबी और नीले कार्ड से होती है.

इन कार्ड को जेनेटिक काउंसलिंग आईडी कार्ड (जीसीआईडी) कहते हैं जो लाइलाज सिकलसेल बीमारी के बाद बनाया जाता है. वहीं इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद ये लोग आपस में शादी भी नहीं कर सकते हैं.

बीमारी की चपेट में ज्यादा महिलाएं

बता दें कि इस रोग की भयावहता ऐसी है कि इससे ग्रसित होने के बाद खून में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ना बंद हो जाता है जिसके बाद धीरे-धीरे शरीर के सारे अंग कमजोर हो जाते हैं और काम करना बंद कर देते हैं और बेहद कम उम्र में इससे मौत हो जाती है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल से चल रहे सर्वे में राजसमंद, चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, बारां और उदयपुर जैसे जिलों में 2980 लोगों में ये बीमारी पाई गई है. वहीं 7,766 लोगों में इस बीमारी के शुरूआती लक्षण मिले हैं. दरअसल यह बीमारी ज्यादातर आदिवासी इलाकों में लोगों में मिल रही है और इसकी सबसे ज्यादा चपेट में महिलाएं आ रही है.

चौंकाती है चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट

वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की दिसंबर 2024 में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 2980 रोगियों में से 1590 महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित है. इधर सरकार ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि इस रोग के होने के बाद महिला-पुरुष आपस में शादी नहीं करें क्योंकि इससे उनका बच्चा भी पॉजिटिव निकल सकता है.

डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी के होने के बाद अगर कोई पुरूष और महिला आपस में शादी करते हैं तो उनका बच्चा बीमारी से ग्रसित हो सकता है क्योंकि यह अनुवांशिक बीमारी है.

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