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पेपर लीक में पुलिसकर्मी भी शामिल! राजस्थान एसओजी ने कांस्टेबल...महिला को किया गिरफ्तार!

राजस्थान में हुए वनरक्षक भर्ती 2020 परीक्षा के पेपर लीक मामले ने अब एक नया मोड़ लिया है। एसओजी की जांच में सामने आया है कि पुलिसकर्मियों ने ही....
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Banswara News : राजस्थान में हुए वनरक्षक भर्ती 2020 परीक्षा के पेपर लीक मामले ने अब एक नया मोड़ लिया है। एसओजी की जांच में सामने आया है कि पुलिसकर्मियों ने ही अपने रिश्तेदारों और महिला मित्रों को सॉल्वड पेपर पढ़ाया और फिर उन्हें परीक्षा केंद्रों तक भी गाड़ियों से छोड़ने गए। (Banswara News )ये आरोप सीधे तौर पर इन पुलिसकर्मियों पर लगाए गए हैं जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए न सिर्फ भर्ती परीक्षा को प्रभावित किया बल्कि अपनी कर्तव्यों को भी नजरअंदाज किया।

आरोपी पुलिसकर्मी की करतूतें

एसओजी के अधिकारियों ने बताया कि बांसवाड़ा में हुआ पेपर लीक मामला और भी गहरा गया जब यह सामने आया कि पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ सॉल्वड पेपर पढ़ाए, बल्कि परीक्षा के दौरान अपने महिला मित्रों और रिश्तेदारों को परीक्षा केंद्र तक अपनी गाड़ियों से छोड़ा। यह मामला अब केवल एक पेपर लीक नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और दबाव का बन चुका है, जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान..

इन तीन पुलिसकर्मियों की पहचान भींयाराम, देवाराम और कमलेश कुमार के रूप में हुई है। ये सभी उदयपुर पुलिस लाइन में तैनात थे और सॉल्वड पेपर को अपने करीबी रिश्तेदारों और महिला मित्रों को पढ़ाने में शामिल थे। खास बात यह है कि इन पुलिसकर्मियों ने इस पूरी प्रक्रिया को इतना गुपचुप रखा कि इसे पकड़ने में काफी वक्त लग गया। अब इस मामले में चारों आरोपियों को बांसवाड़ा लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा, और उनकी रिमांड पर पूछताछ की जाएगी।

शारदा का रोल...सॉल्वड पेपर के बावजूद असफलता

शारदा, जो आरोपी सांवला राम जाट की महिला मित्र हैं, ने सॉल्वड पेपर पढ़ने के बावजूद परीक्षा में सफलता हासिल नहीं की और अब वह पुलिस के गिरफ्त में हैं। एसओजी के अधिकारियों ने बताया कि शारदा की तबीयत खराब हो गई थी और वह पेपर ठीक से हल नहीं कर पाई। इसके बावजूद, वह इस पूरे स्कैंडल का हिस्सा बन गईं और अब उनका नाम भी अभियुक्तों में शामिल है।

पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की दिशा

एसओजी की टीम ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इन पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि सरकार के भरोसेमंद विभागों में भी इस तरह की घटनाएं घटित हो रही हैं, जो विश्वास को ठेस पहुंचाती हैं। पुलिसकर्मियों का यह कृत्य केवल एक व्यक्तिगत गलती नहीं बल्कि उनके विभाग और समाज के प्रति निष्ठा पर भी सवाल उठाता है।

एसओजी के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी और अगर और भी आरोपी सामने आते हैं, तो उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इसके साथ ही, पुलिस विभाग और भर्ती बोर्ड से भी मांग की जा रही है कि वे इस मामले में कड़ी सजा और सुधारात्मक कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कुछ पुलिसकर्मी अपने पद का दुरुपयोग करने से नहीं चूकते, और यह देश के सिस्टम की बड़ी कमजोरी का संकेत है।

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