Rajasthan: दीया तले अंधेरा ! वागड़ प्यासा...माही बांध का पानी जालोर ले जाने की तैयारी !
Banswara News Rajasthan: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के माही बांध का पानी पश्चिमी जिले जालोर तक ले जाने की प्लानिंग की जा रही है, (Banswara News Rajasthan) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले दिनों जालोर क्षेत्र के दौरे के दौरान इस बात के संकेत दिए। मगर हकीकत ये है कि माही बांध का पानी अभी बांसवाड़ा और डूंगरपुर के दूरस्थ क्षेत्रों तक ही नहीं पहुंच पाया है। नहरी टेल एंड में अभी तक पानी का इंतजार किया जा रहा है।
माही बांध जालोर की बुझाएगा प्यास !
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दो दिन पहले जालोर क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जालोर, सांचोर, पाली क्षेत्र में पानी की कमी को देखते हुए विश्वास दिलाया कि इस कमी को पूरा करने के लिए कुछ प्रोजेक्ट लाने की तैयारी है और माही बांध के पानी से जवाई बांध को भरकर समस्या का समाधान किया जाएगा। सरकार इस मामले में क्या प्लान कर रही है? यह तो अभी सामने नहीं आया है। मगर हकीकत ये है कि अभी इस बांध का पानी बांसवाड़ा के ही दूरस्थ क्षेत्रों तक नहीं पहुंचा है।
बांसवाड़ा को ही माही के पानी का इंतजार
माही बांध से जालोर तक पानी पहुंचाने के सरकार भले ही संकेत दे रही हो, मगर अभी हालात कुछ इतर हैं, अभी इस बांध से बांसवाड़ा जिले के ही दूरस्थ इलाकों को पानी नहीं मिल रहा है। केंद्रीय जल आयोग की स्वीकृति के अनुसार बांसवाड़ा जिले में माही बांध के पानी से 80 हजार हैक्टेयर सिंचित हो रहा है। इसमें बांसवाड़ा, घाटोल, गढ़ी, बागीदौरा का शामिल हैं। आनंदपुरी में सिंचाई व्यवस्था हरिदेव जोशी नहर से हो रही है। माही के पार्श्व में बसे दानपुर और छोटी सरवन सहित कुशलगढ़ और सज्जनगढ़ क्षेत्र के खेतों में माही का पानी नहीं पहुंचा है। बांसवाड़ा जिले में फैले नहरी तंत्र के बाद भी टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। डूंगरपुर के सागवाड़ा क्षेत्र को भी माही के पानी का इंतजार है।
77 में से 40 TMC पानी गुजरात को
माही बांध का पानी उदयपुर संभाग सहित अन्य क्षेत्रों में ले जाने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से पहले भी कई योजनाएं बनाई गई हैं, मगर ज्यादा लागत की वजह से ठंडे बस्ते में चली गईं। जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत मुख्य अभियंता दीपक दोसी के अनुसार माही बांध में जल संग्रहण क्षमता 77 टीएमसी है। इसमें 40 टीएमसी पानी पर गुजरात का अधिकार है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर में सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के बाद अधिषेष पानी का उपयोग राजस्थान के लिए किया जाना चाहिए।
(बांसवाड़ा से मृदुल पुरोहित की रिपोर्ट)
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