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Banswara: बांसवाड़ा में जमीन घोटाला ! एक सफेद कागज से कैसे हड़प ली 30 करोड़ की सरकारी जमीन ?

बांसवाड़ा में सफेद कागज से 30 करोड़ की सरकारी जमीन हड़पने का मामला आया है, एसीबी को शिकायत की गई है।
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Banswara News Rajasthan: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। इसके बाद कलेक्टर ने पांच गिरदावर और दो पटवारी निलंबित किए हैं।(Banswara News Rajasthan) वहीं रिटायर्ड तहसीलदार सहित गिरदावर-पटवारी के खिलाफ ACB को शिकायत दी है। हैरान करने वाली बात ये है कि यहां महज एक सफेद कागज से 30 करोड़ की सरकारी जमीन को खातेदारी में बदल दिया गया।

बांसवाड़ा में जमीन घोटाला,ACB पहुंचा

बांसवाड़ा जिले से गुजर रहे स्वरूपगंज-रतलाम राष्ट्रीय राजमार्ग 927-ए से सटी करोड़ों रूपए की 111 बीघा सरकारी जमीन को खातेदारी में बदल देने का मामला आया है। जिले के गढ़ी तहसील क्षेत्र में इस भूमि घोटाले की जानकारी मिली, तो प्रशासन ने जांच करवाई। इसके बाद 5 गिरदावर और 2 पटवारी निलंबित किए गए हैं। इसके साथ ही सेवानिवृत हो चुके तहसीलदार सहित इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में प्रकरण दर्ज कराया गया है। जिसकी फिलहाल जांच चल रही है।

हाई-वे से सटी 30 करोड़ की जमीन हड़पी !

बांसवाड़ा के इस जमीन घोटाले में सामने आया है कि गढ़ी तहसील क्षेत्र के बेड़वा, भगोरा, साकरिया, नवागांव, झाझुपुरा, रोहिड़ा, वजवाना और सुंदनी में तत्कालीन तहसीलदार केसर सिंह और अधीनस्थ गिरदावर और पटवारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 927-ए से सटी 111 बीघा सरकारी जमीन को मिलीभगत कर अन्य लोगों के नाम खातेदारी में दर्ज कर दिया। इस जमीन की कीमत लगभग 30 करोड़ रूपए है। 2022 से 2023 की अवधि में यह जमीन घोटाला हुआ। इसके बाद कुछ कर्मचारियों ने अपना तबादला करा दिया, वहीं तहसीलदार सेवानिवृत हो गए।

सफेद कागज से कैसे हड़पी जमीन?

जमीन घोटाले की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है। बताया जा रहा है कि जमीन के इस खेल में शामिल पटवारी ने सरकारी जमीनों की ऑनलाइन फाइल बनाईं। सॉफ्वटेयर में जमाबंदी, आधार कार्ड और फोटो लगाने भी लगाने होते हैंं, मगर इनकी जगह पर सिर्फ सफेद कागज अपलोड कर जमीन को सरकार से खातेदारी में बदल दिया गया। मिलीभगत के चलते इन फाइलों को पहले गिरदावरों और बाद में तहसीलदार ने भी सहमति दे दी। इसके बाद जिन लोगों के नाम जमीन हुई, उन्होंने जमीन बेच दी।

(बांसवाड़ा से मृदुल पुरोहित की रिपोर्ट)

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