Banswara News: परमाणु बिजलीघर के विरोध में उतरे सांसद राजकुमार रोत, कहा- आदिवासियों की प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं की जाएगी
Banswara News: बांसवाड़ा। बांसवाड़ा डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत (Rajkumar Roat) इस समय सुर्खियों में हैं। पहले आदिवासी हिंदू नहीं होने, उसके बाद मानगढ़ धाम (Mangadh Dham)में भील प्रदेश की मांग फिर मध्यप्रदेश में आदिवासी युवा शक्ति के संस्थापक महेंद्र कन्नौज के बीजेपी (Bjp) में शामिल होने पर नाराजगी जताने के बाद सांसद राजकुमार रोत के निशाने पर अब परमाणु बिजलीघर है। इस पर सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि परमाणु बिजलीघर के नाम पर आदिवासियों की प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एक्स पर शेयर की पोस्ट
बता दें कि सांसद राजकुमार रोत ने शनिवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर तीन वीडियो के साथ बांसवाड़ा जिले के छोटी सरवन पंचायत समिति क्षेत्र में बनने वाले बांसवाड़ा माही परमाणु बिजलीघर परियोजना (Nuclear Power Plant) के संबंध में एक पोस्ट शेयर की। पोस्ट में सांसद ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र दानपुर, बांसवाड़ा में जीवनमात्र के लिए घातक परमाणु बिजलीघर लगाने केलिए पुलिस प्रशासन के द्वारा आदिवासी समुदाय को प्रताड़ित करना बंद करें। आदिवासियों को प्रताड़ित करना अब सहा नहीं जाएगा।
हजारों करोड़ की लगात से बनेगा परमाणु बिजलीघर
गौरतलब है कि प्रदेश के बांसवाड़ा जिले (Banswara) में सरवन पंचायत समिति क्षेत्र में केंद्र सरकार की ओर से करीब 40 हजार करोड़ की लागत से परमाणु बिजलीघर बनाया जा रहा है। इस बिजलीघर में 700 मेगावाट के चार रिएक्टर लगाए जाएंगे। इसके लिए एनपीसीआईएल की ओर से भूमि अवाप्ति सहित इसकी चारदीवारी निर्माण और अन्य परीक्षण के कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। हालांकि पहले जिला मुख्यालय पर संचालित होने वाला एनपीसीआईएल का कार्यालय भी कुछ समय पहले ही रेल गांव के समीप स्थानांतरित कर दिया गया है। आगामी समय में इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) के द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
आदिवासी कर रहे विरोध
बता दें कि बांसवाड़ा में परमाणु बिजलीघर परियोजना के लिए भूमि अवाप्ति के बाद इस क्षेत्र से विस्थापित होने वाले परिवारों को केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के नियमानुसार अवार्ड राशि का भुगतान किया जा चुका है। लेकिन कई आदिवासी लोगों का कहना है कि उन्हें नियमों के अनुसार अवार्ड राशि नहीं है और ये परमाणु बिजलीघर विस्थापित संघर्ष समिति के बैनर तले अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि परियोजना के तहत विस्थापितों के पुनर्वास हेतु कॉलोनी का भी निर्माण किया गया है। लेकिन कई परिवार इस कॉलोनी मे रहने के लिए तैयार नहीं है।
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