कैबिन में गुजर रही रातें, सुविधाओं के पड़े लाले...बांसवाड़ा में FCI गोदाम के बाहर क्यों लगी है ट्रकों की लंबी लाइन?
Banswara News: कोई पंजाब का निवासी तो कोई श्री गंगानगर का। ट्रांसपोर्ट कंपनी में चालक का पेशा। भारतीय खाद्य निगम के बड़े गोदामों से छोटे शहरों में बने गोदामों तक खाद्यान्न पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं, किंतु निगम के अधिकारियों की उदासीनता और अनदेखी का परिणाम यह है कि रातें ट्रक और ट्रोले के केबिन में गुजर रही हैं और सुबह होते ही सुविधाओं की कमी खलने लगती है। जैसे-तैसे खुले में नहाना और कपड़े सुखाना, लेकिन वापसी कब होगी, इसका उत्तर देने वाला कोई नहीं है।
यह हालात बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर भारतीय खाद्य निगम के गोदाम के बाहर बीते एक सप्ताह से कतार में खड़े ट्रक और ट्रोला चालकों के हैं। इसके बाद भी माल की उतराई को लेकर निगम प्रबंधन की ओर से उदासीनता बरती जा रही है। इससे चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उदयपुर मार्ग पर भाजपा कार्यालय के समीप बने निगम के गोदाम पर सात दिनों से अपना ट्रोला लेकर आए एक चालक ने कहा कि कार्यालय में कोई सुनवाई नहीं हुई है। पीलीबंगा से गेहूं लेकर आए हैं। वहां से माल का लदान कर बांसवाड़ा भेज दिया। दिनरात गाड़ी चलाकर बांसवाड़ा पहुंचे, किंतु अब माल नहीं उतारा जा रहा है। पूछने पर निगम के अधिकारी माल रखने की जगह नहीं होने की बात कह रहे हैं। इससे परेशानी बढ़ रही है।
7 दिन एक ही जगह, किस्त कैसे चुकाएं?
एक अन्य चालक ने कहा कि बांसवाड़ा आए सात दिन हो गए। जब गाड़ी एक ही जगह पर खड़ी रहेगी तो आर्थिक समस्या बढ़ेगी। गाड़ी नहीं चलेगी तो उसकी किस्त कैसे चुकाएंगे, यह बड़ी समस्या हो गई है। यहां रहने और खाने का खर्च भी खुद को वहन करना पड़ रहा है एक चालक ने कहा कि वह पांच दिन पहले आया। इसके बाद से ट्रक कतार में खड़ा है। माल उतारने का नंबर ही नहीं लगा है। सबसे अधिक परेशानी स्नान, पाखाना आदि की है। निगम कार्मिक जंगल में जाने की बात कहते हैं, जबकि इसमें खतरा है।
कार्मिकों ने साधा मौन
इस संबंध में निगम कार्यालय में संपर्क करने पर मौजूद कार्मिकों ने कहा कि अधिकृत जवाब प्रबंधक दे सकते हैं। प्रबंधक के बारे में पूछने पर अवकाश पर होना बताया। इसके बाद कार्मिकों ने मौन साध लिया।
बांसवाड़ा में निगम के गोदाम के बाहर ट्रकों की कतारें लगना हर साल की समस्या है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित करने के लिए गोदाम में खाद्यान्न भिजवाया जाता है, किंतु समय पर इसे वाहनों से खाली नहीं कराया जाता है। इसके चलते ट्रक और ट्रोला चालकों को पांच से दस दिन तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद भी न निगम प्रबंधन कोई ध्यान दे रहा है और न ही प्रशासन समस्या के समाधान के लिए कदम उठा रहा है। ऐसे में ट्रक और ट्रोला चालक बेबस हैं।