Banswara News: बांसवाड़ा में दिखाई दिए ग्रेटर फ्लेमिंगो, पक्षी प्रेमियों और वाइल्डलाइफ फॉटोग्राफर्स के चेहरे पर खुशियां...
Banswara News: बांसवाड़ा। राजस्थान के बांसवाड़ा को द लैंड ऑफ़ हंड्रेड आईलैंड के नाम से भी जाना जाता है। बांसवाड़ा का सौंदर्य हमेशा से ऐसा रहा है जहां विदेशों से भी कई पक्षियों का हर साल आवागमन लगा रहा है। बांसवाड़ा में हर मौसम में प्रकृति अपने सौंदर्य से पर्यटकों और पक्षीयों के लिए पसंदीदा जगह बनी हुई है। राजस्थान के धोरों की गर्मी जहां पूरे देश भर में आग बरसने को लेकर मशहूर है वहीं इन दिनों बांसवाड़ा के एक बांध से बचे पानी में अठखेलियाँ करते पक्षियों के लिए जन्नत है। बांसवाड़ा के माही बांध के बैकवाटर के छिछले पानी में ग्रेटर फ्लेमिंगो जिसे राजहंसों के नाम से भी जाना जाता है, गुजरात से आए हुए हैं।
गुजरात के कच्छ से आए हैं मेहमान
प्रकृति की अनूठी छटा यूं तो बांसवाड़ा में हमेशा ही बनी रहती है परंतु बारिश से ठीक पहले गर्मियों में जब माही बांध में पानी कम होता है तब पानी के बीचो - बीच कई छोटे बड़े टापू से बन जाते हैं। यही टापू झुंड में आए इन राज हंसों का बसेरा होता है। अभी ये सारे पक्षी गुजरात के कच्छ से उड़ान भर कर राजस्थान के बाड़मेर में आए हैं। इन मेहमानों को देखने और इनकी चहचहाट से आसपास का पूरा माहौल खुशनुमा हो गया है। पक्षी प्रेमियों का कहना है कि बारिश तक अभी इनका डेरा इन्हीं छोटे - बड़े टापुओं पर रहेगा।
पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफर्स के चेहरों पर है खुशी
पक्षियों पर अपनी रिसर्च करने वाले और पक्षी प्रेमियों के लिए भी अब बांसवाड़ा जन्नत से कम नहीं है। इनसे जुड़ी जानकरियाँ और इन्हें निहारने के लिए कई पर्यटक और पक्षी प्रेमियों ने बांसवाड़ा का रुख कर लिया है। इनके साथ ही वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स और बर्ड फोटोग्राफी करने वाले लोगों के लिए भी ये सबसे बेहतरीन समय माना जाता है। अभी कई फोटोग्राफर्स यहाँ पहुँच गए हैं। हालांकि स्थानीय वातावरण को इनके अनुकूल बनाए रखने के लिए कई पक्षी प्रेमियों ने मुहिम छेड़ रखी है जिसमें प्लास्टिक या अन्य तरह के प्रदूषण को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्रेटर फ्लेमिंगो समेत अभी 2 हज़ार पक्षी मौजूद
पक्षियों से प्रेम करने वाले और उनके बारे में जानकारी रखने वाले दीपक द्विवेदी ने जानकारी सांझा करते हुए बताया कि अभी माही बांध में करीब 2 हज़ार पक्षी मौजूद हैं। माही बांध में इन पक्षियों के लिए पर्याप्त भोजन भी है और प्रजनन के लिए भी सही और सुरक्षित स्थान है। इसलिए इस समय पक्षी उड़ान भर कर यहाँ पहुँचते हैं। इसके अलावा दीपक द्विवेदी ने कहा कि राज हंस जिन्हें ग्रेटर फ्लेमिंगो भी कहते हैं वो प्रजनन के लिए गर्मियों का ही इंतज़ार करते हैं। इसी लिए वो दूर दराज़ से यहाँ आते हैं।
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