डमी कैंडिडेट मामले में विभागीय लापरवाही के बाद राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, बांसवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी APO
Banswara News: राजस्थान में रीट परीक्षा में हुई धांधली को लेकर लगातार एक्शन जारी है जहां बीते शनिवार को बांसवाड़ा में डमी कैंडिडेट को लेकर लीक प्रकरण सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई की गई. जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शमे फिरोजा बतूल अंजुम को एपीओ करने के आदेश जारी किए जिसके बाद अंजुम को अब जयपुर शासन सचिवालय में उपस्थिति देनी होगी.
हालांकि एपीओ आदेश में कारण स्पष्ट नहीं किए गए है लेकिन कार्रवाई को डमी कैंडिडेट से जोड़कर देखा जा रहा है. विभागीय जानकारों का कहना है भर्ती में किसी भी अभ्यर्थी के दस्तावेज सत्यापन करने की जिम्मेदारी डीईओ की रहती है ऐसे में अब डीईओ को भी जांच के दायरे में शामिल किया जा सकता है.
डीईओ पर घूम गई जांच की सूई!
डीईओ के एपीओ होने के बाद विभागीय अफसरों ने बताया कि डीईओ अंजुम को एपीओ करने का मुख्य कारण दस्तावेज सत्यापन में लापरवाही होना है जहां वर्तमान में डमी कैंडिडेट का प्रकरण सामने आने के बाद से शिक्षा विभाग ही सवालों के घेरे में आ गया था. राजस्थान सर्विस रूल्स के अनुसार गिरफ्तारी के 48 घंटों के बाद सस्पेंड करना जरूरी होता है लेकिन डीईओ ने इसमें में 4 से 5 दिन लगा दिए. वहीं इसकी रिपोर्ट अब राज्य सरकार के स्तर पर मांगी गई है और उसके बाद राज्य सरकार के स्तर पर ही बड़ी कार्रवाई होने की संभावना भी बनी हुई है.
बता दें कि इससे पहले भी अंजुम पर नियम विरुद्ध विभागीय कार्मिकों को अनुचित लाभ देने का मामला सामने आया था जहां एक कार्मिक को एपीओ कर दूर की स्कूल से विभाग में लगाया फिर घर के पास स्कूल में पदस्थापन दिया गया था. अंजुम ने मंत्रालयिक कर्मचारी की एसीपी जारी कर दी थी जबकि नियुक्ति अधिकारी डीईओ माध्यमिक होता है.
मालूम हो कि बांसवाड़ा में इस महीने के तीसरे सप्ताह के बाद पुलिस ने रीट भर्ती परीक्षा और सूचना सहायक परीक्षा में दलाल के माध्यम से फर्जी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा दिलाने परीक्षा में चयन के बाद नियुक्ति पाने का मामले का खुलासा किया था जिसे लेकर पुलिस ने सज्जनगढ़, कुशलगढ़ और सल्लोपाट पुलिस थाने में 17 प्रकरण दर्ज किए है. इनमें 15 शिक्षकों, एक दलाल और एक सूचना सहायक के खिलाफ प्रकरण सम्मिलित है जहां पुलिस ने दो महिला शिक्षिकाओं सहित दलाल व 5 अन्य शिक्षकों को पहले गिरफ्तार किया था.
कैसे दी जाती है नियुक्ति?
दरअसल नियमों के अनुसार परीक्षा लेने वाली एजेंसी की ओर से चयनित अभ्यर्थी को जिला आवंटन किया जाता है। इसके बाद जिला परिषद के माध्यम से चयनित अभ्यर्थी के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। इसमें प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच की जिम्मेदारी जिला परिषद की ओर से गठित समिति की रहती है। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची जिला परिषद की स्थापना समिति की बैठक में रखी जाती है। स्थापना समिति के अनुमोदन के उपरांत चयनित अभ्यर्थियों को काउंसलिंग प्रक्रिया के तहत विद्यालय में रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाती है।
पुलिस के शिकंजे में भीनमाल का डमी कैंडिडेट
इधर बांसवाड़ा जिले में रीट और सूचना सहायक भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बिठाकर सलेक्ट होने और सरकारी नौकरी पाने के मामले की जांच में शनिवार को भी सज्जनगढ़ थाना पुलिस ने भीनमाल निवासी एक डमी कैंडिडेट को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. इससे पहले शुक्रवार को भी एक शिक्षिका, उसके पति और एक दलाल सहित को पकड़ा था. बांसवाड़ा में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा और सूचना सहायक भर्ती में डमी कैंडिडेट बिठाकर सरकारी नौकरी पाने के मामलों की जांच चल रही है जिस मामले में अब तक पुलिस ने 17 प्रकरण दर्ज किए हैं, जिसमें 15 शिक्षकों, एक दलाल और एक सूचना सहायक को नामजद किया गया है.