राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

फर्जी मार्कशीट से युवक बना इंजीनियर...उठाई 7.20 लाख की सैलरी, जांच हुई तो सन्न रह गए अधिकारी!

Banswara News: (मृदुल पुरोहित) बांसवाड़ा जिले में पिछले कुछ महीनों में विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए हुई परीक्षाओं में 50 से अधिक डमी अभ्यर्थियों के सामने आने, आरोपियों और दलालों की गिरफ्तारी के बाद अब फर्जी मार्कशीट से सरकारी...
04:09 PM Dec 13, 2024 IST | Rajasthan First

Banswara News: (मृदुल पुरोहित) बांसवाड़ा जिले में पिछले कुछ महीनों में विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए हुई परीक्षाओं में 50 से अधिक डमी अभ्यर्थियों के सामने आने, आरोपियों और दलालों की गिरफ्तारी के बाद अब फर्जी मार्कशीट से सरकारी नौकरी करने का खुलासा हुआ है। जिले के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में एक कनिष्ठ अभियंता (JEN) ने फर्जी मार्कशीट से सरकारी नौकरी हासिल कर ली। विभाग ने उसकी मार्कशीट की जांच कराई तो वह फर्जी निकली। उसने नवंबर महीने में दो साल की परिवीक्षा अवधि पूरी की थी। अब इंजीनियर 25 वर्षीय अक्षय पाटीदार को बर्खास्त कर उसके खिलाफ गढ़ी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

बता दें कि अक्षय राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड कनिष्ठ अभियंता संयुक्त सीधी भर्ती-2022 में चयनित हुआ था। यह भर्ती 792 पदों के लिए हुई थी। अभी अक्षय गढ़ी जेईएन है। अक्षय ने डिप्लोमा उदयपुर की पेसिफिक इंजीनियरिंग कॉलेज में कराया था। चीफ इंजीनियर ने अक्षय सेवा से बर्खास्त कर दिया। वहीं अधिकारियों ने गढ़ी पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाकर कहा है कि उससे 7.20 लाख रुपए के वेतन की रिकवरी भी की जाएगी।

कैसे आया पकड़ में?

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड कनिष्ठ अभियंता संयुक्त सीधी भर्ती-2022 के अंतर्गत 792 पदों पर भर्ती हुई थी। इसमें जेईएन पाटीदार का भी चयन हुआ था। चयनित हुआ था। वह वर्तमान में गढ़ी उपखंड के सहायक अभियंता कार्यालय में जेईएन के पद पर पदस्थापित है।

किसी भी सरकारी नौकरी में पहले दो वर्ष की अवधि परिवीक्षा काल की होती है। उसके बाद स्थायीकरण किया जाता है और स्थायीकरण के बाद पद के अनुरूप वेतनमान मिलता है। दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी होने पर स्थायीकरण के आदेश निकालने से पहले ही विभाग ने जेईएन पाटीदार के दस्तावेजों का सत्यापन करवाया। उसने सिविल इंजीनियर का डिप्लोमा उदयपुर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में जमा होना बताया। विभाग ने उदयपुर के उक्त कॉलेज से जब दस्तावेजों का सत्यापन कराया तो कॉलेज प्रबंधन ने फर्जी बताया।

करीव 7 लाख के वेतन की होगी रिकवरी

जेईएन पाटीदार के दस्तावेज फर्जी होने की जानकारी मिलने के बाद विभागीय अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी। वहां मुख्य अभियंता ने मामले को गंभीर माना। इसके बाद मुख्य अभियंता कार्यालय से आरोपी जेईएन अक्षय पाटीदार को सेवा से बर्खास्त कर उसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर करने के आदेश दिए गए, जिस पर प्रकरण दर्ज कराया गया है।

इस मामले में पाटीदार से वेतन के रूप में दी गई करीब 7 लाख रुपए से अधिक की रिकवरी भी की जाएगी। दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान मार्कशीट फर्जी होने की जानकारी अधिकारियों को लगने के बाद पाटीदार को भी कार्रवाई होने की भनक लग गई थी। इस पर उसने स्वयं ही मुख्य अभियंता जयपुर को अपना त्यागपत्र भेज दिया था। वहां से एनओसी जारी हो, उसके पहले ही दस्तावेज फर्जी होने का खुलासा हो गया।

Tags :
BanswaraBanswara Crime Newsbanswara fake aenBanswara newsBanswara rajasthan newscase of fake degreefake marksheet caseफर्जी मार्कशीटफेक मार्कशीट एईएनफेक मार्कशीट केसबर्खास्तबांसवाड़ा फेक मार्कशीटसरकारी नौकरी
Next Article