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बांसवाड़ा में 11 लाख का घोटाला...सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी ने कैसे किया सरकारी धन का गबन? जानिए पूरा सच!

Banswara Panchayat scam: (मृदुल पुरोहित) जब बाड़ ही खेत को खा जाए, तो रखवाली कौन करे?" यह कहावत बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा पंचायत समिति (Banswara Panchayat scam)की ग्राम पंचायत हमीरपुरा बड़ा में सच साबित हुई है। यहां सरपंच ने (Sarpanch...
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Banswara Panchayat scam: (मृदुल पुरोहित) जब बाड़ ही खेत को खा जाए, तो रखवाली कौन करे?" यह कहावत बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा पंचायत समिति (Banswara Panchayat scam)की ग्राम पंचायत हमीरपुरा बड़ा में सच साबित हुई है। यहां सरपंच ने (Sarpanch scandal)दो ग्राम विकास अधिकारियों के साथ मिलकर सरकारी धन का लाखों रुपए का गबन किया। मामला सामने आने पर विकास अधिकारी ने कलिंजरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिससे भ्रष्टाचार की इस गंभीर घटना की परतें खुलने लगी हैं। अब सब जानने को उत्सुक हैं कि इस घोटाले के पीछे की असली कहानी क्या है।

11 लाख से अधिक का भुगतान, लेकिन कोई काम नहीं

पुलिस के अनुसार, विकास अधिकारी ने कलिंजरा थाने में दी गई रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2021 और 2022 में पंचायत भवन की चारदीवारी, सामुदायिक भवन और सड़क निर्माण के कार्यों पर सरपंच और ग्राम विकास अधिकारियों ने 11 लाख 28 हजार रुपए का भुगतान किया। जब कार्य का भौतिक सत्यापन कराया गया, तो पता चला कि इन तीनों मौकों पर कोई कार्य नहीं कराया गया है।

वित्तीय अनियमितता की जांच में बड़ा खुलासा

ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर विभागीय स्तर पर जांच की गई। जांच में पाया गया कि पंचायत के 39 विकास कार्यों पर सक्षम तकनीकी अधिकारी से मूल्यांकन कराए बिना 95.83 लाख रुपए की राशि खर्च बताई गई। विभागीय जांच दल ने 8 अगस्त को अपनी रिपोर्ट जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रस्तुत की।

53 पेज की जांच रिपोर्ट और कानूनी कार्रवाई

जांच दल की 53 पेज की रिपोर्ट के बाद, सीईओ ने आरोपी सरपंच राकेश रावत, तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी नरेश चंद्र गर्ग और महेंद्र गरासिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराने के निर्देश दिए। विकास अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग करने सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। इस मामले की जांच एसआई गोपाल सिंह को सौंपी गई है।

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