Banswara: कभी नंबर 1, आज सबसे पीछे! बांसवाड़ा की मनरेगा कहानी में छुपा राज क्या है?
Banswara News: (मृदुल पुरोहित) बांसवाड़ा । हर हाथ को काम देने की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में किसी समय बांसवाड़ा जिले ने सबसे अधिक श्रमिक नियोजित कर रिकार्ड बनाया था, किंतु (Banswara News) अब हालात यह हैं कि योजना के अन्तर्गत पूरे राजस्थान में सबसे अधिक अधूरे काम बांसवाड़ा में हैं और इनकी संख्या 50 हजार को भी पार कर गई हैं।
मनरेगा योजना शुरू होने के बाद से विगत कुछ वर्षों तक केंद्र और राज्य सरकार का विशेष ध्यान आदिवासी क्षेत्रों पर रहा है। इस कारण राजस्थान के आदिवासी बहुल बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिलों में सबसे अधिक कार्य स्वीकृत होते रहे और तीन से पांच लाख तक श्रमिकों को वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार भी मिला। इससे इन कार्यों पर नियोजित ग्रामीणों को आर्थिक संबल भी मिला।
कोविड के बाद घटी रुचि
बांसवाड़ा जिले में मनरेगा कार्यों के प्रति ग्रामीणों की रुचि कोविड-19 के बाद कम हुई। स्थानीय स्तर पर रोजगार के स्थायी संसाधनों के अभाव के कारण अधिकांश श्रमिक गुजरात के लिए पलायन कर गए। इसका असर मनरेगा कार्यों की स्वीकृति पर भी पड़ा। इसके बाद भी ग्रामीणों को 100 का रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रशासन के प्रयास जारी रहे, किंतु पलायन पर अंकुश नहीं लग पाया। इसके चलते स्वीकृत कार्यों की पूर्णता का प्रतिशत भी लगातार गिरता रहा।
साढ़े 53 हजार काम अधूरे
जिले की पंचायत समितियों में वर्तमान में 53 हजार 565 कार्य अब तक अधूरे हैं, जो पूरे राजस्थान में अधूरे कामों की दृष्टि से सबसे अधिक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले में 18336, वर्ष 22-23 में 7801, वर्ष 23-24 में 10860 तथा चालू वित्तीय वर्ष में 16568 कार्य अधूरे हैं। इसमें बीते तीन वित्तीय वर्ष के अधूरे कार्यों की संख्या 36 हजार 997 है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में अभी साढ़े तीन माह से अधिक का समय शेष है, किंतु 10 हजार से अधिक काम समय पर पूरे हो जाएंगे, इसमें संशय है।
यहां सबसे अधिक काम अधूरे
बांसवाड़ा जिले में 11 पंचायत समितियां हैं। इसमें पांच पंचायत समितियों में सबसे अधिक काम अधूरे हैं। इनमें कुशलगढ़ में 8080, आनंदपुरी में 7823, सज्जनगढ़ में 6655, गांगड़तलाई में 5582 और घाटोल में 5257 कार्य अधूरे पड़े हैं।
अधिकारियों को लगाई फटकार
मनरेगा में 50 हजार से अधिक संख्या में स्वीकृत कार्य पूरे नहीं होने पर मंगलवार को जिला प्रमुख रेशम मालवीया ने अधिकारियों को फटकार भी लगाई। मनरेगा की समीक्षा बैठक में उन्होंने पंचायत समितिवार स्वीकृत और अधूरे कार्यों की जानकारी ली। अधूरे कार्यों की संख्या जब सामने आई तो जिला प्रमुख सहित मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी एकबारगी चौंक उठे। उन्होंने बैठक में मौजूद विकास अधिकारियों को फटकार लगाई और अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से समस्त कार्य समय पर पूर्ण कराने के लिए पाबंद किया।
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