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Rajasthan: धर्म पर राजनीति बंद होनी चाहिए! धीरेंद्र शास्त्री की सनातन बोर्ड गठन की मांग पर बड़ा बयान!

Bageshwar Dham Sarkar: शहर के कुमुद विहार में चल रही हनुमंत कथा के दूसरे दिन बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वक्फ बोर्ड पर तीखा बयान दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि या तो वक्फ बोर्ड को समाप्त...
08:40 PM Nov 07, 2024 IST | Rajesh Singhal

Bageshwar Dham Sarkar: शहर के कुमुद विहार में चल रही हनुमंत कथा के दूसरे दिन बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वक्फ बोर्ड पर तीखा बयान दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि या तो वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाए या फिर सनातन बोर्ड का गठन हो। (Bageshwar Dham Sarkar) उन्होंने सभी हिंदुओं से "माला और भाला" रखने का आह्वान किया, ताकि धर्म की रक्षा हो सके। साथ ही, उन्होंने कहा कि राजनीति में धर्म का इस्तेमाल सिर्फ वोटबैंक के लिए नहीं होना चाहिए।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बयान: कुंभ में गैर हिंदू दुकानों पर कड़ी आपत्ति

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कुंभ मेले में गैर हिंदू समुदाय की दुकानों पर तीव्र आपत्ति जताई। उनका कहना था कि यह देश का दुर्भाग्य है कि कुंभ में ऐसे लोग दुकानों का संचालन कर रहे हैं, जो हिंदू शास्त्र और संस्कृतियों से अंजान हैं। उनके अनुसार, कुंभ मेला पूरी तरह से हिंदू धर्म और उसकी प्राचीन परंपराओं से जुड़ा होना चाहिए।

हनुमंत कथा का उद्देश्य: जातिवाद का उन्मूलन और हिंदू समाज में एकता की आवश्यकता

पंडित शास्त्री ने हनुमंत कथा के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य समाज में व्याप्त जातिवाद और भेदभाव को खत्म करना है। यह कथा हिंदू समाज को एकजुट करने और हर किसी को समान अवसर प्रदान करने का संदेश देती है, ताकि राष्ट्र समृद्ध हो सके और कोई भी पिछड़ा हुआ वर्ग पीछे न रह जाए।

धर्म और राजनीति पर पंडित शास्त्री की सख्त टिप्पणी

पंडित शास्त्री ने राजनीति और धर्म के संबंध पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि राजनीति में धर्म का इस्तेमाल वोट बैंक के लिए नहीं होना चाहिए। उनका मानना है कि धर्म से राजनीति नहीं चलती, बल्कि राजनीति में धर्म का उपयोग देश की संस्कृति और समाज के विकास के लिए होना चाहिए। यदि राजनीति में धर्म का सही उपयोग नहीं होता, तो वह समाज के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

संघ और सनातन धर्म की रक्षा पर सशक्त बयान

पंडित शास्त्री ने संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और परिवार की रक्षा करना हर भारतीय का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म और संस्कृति की सुरक्षा के लिए माला और भाला दोनों की जरूरत है, और हर भारतीय को अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए।

सनातन बोर्ड की स्थापना की जोरदार वकालत

पंडित शास्त्री ने सनातन बोर्ड के गठन की मांग की और इसे हिंदू समाज की सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड के समान सनातन बोर्ड का भी गठन होना चाहिए, ताकि हिंदू धर्म की भूमि और संपत्ति की रक्षा की जा सके और किसी भी रूप में उसका दुरुपयोग न हो।

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