Ajmer Water Logging: बारिश से जलमग्न अजमेर, जलभराव के कारण सड़कें और नीचली बस्तियां प्रभावित
Ajmer Water Logging: अजमेर में हाल की बारिश ने शहर की नीचली बस्तियों और प्रमुख सड़कों पर जलभराव का बड़ा संकट उत्पन्न कर दिया है। विशेष रूप से आनासागर की पुरानी चौपाटी और पुष्कर रोड जैसे मुख्य मार्गों पर पानी भर गया है, जिससे आवागमन बेहद कठिन हो गया है। इसके अतिरिक्त, नीचली बस्तियों की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है।
पुलिस और प्रशासन स्थिति को संभालने के लिए पूरी कोशिश में जुटी हुई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बाढ़ बचाव टीमों को उच्च सतर्कता पर रखा गया है। प्रमुख सड़कों पर जलभराव के कारण यातायात भारी हो गया है और गलियों में जाम लग रहा है। आनासागर और फायसागर झीलों से पानी की निकासी का काम जारी है।
अजमेर शहर में अब तक कुल 793.2 एमएम बारिश हो चुकी है, जबकि जिले की औसत वार्षिक बारिश 550 एमएम है। इस प्रकार, औसत से 243.2 एमएम अधिक बारिश हो चुकी है। जिला कलेक्टर लोकबंधु ने शहर का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश जारी किए। इस दौरान उनके साथ नगर निगम आयुक्त देशल दान, अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त नित्या के, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार, अतिरिक्त जिला कलेक्टर गजेंद्र सिंह राठौड़ और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
सड़कों पर क्यों भर रहा है पानी?
- अपूर्ण निकासी व्यवस्था: पानी की निकासी के लिए शहर में प्रभावशाली व्यवस्थाएं नहीं हैं। नालों का जुड़ाव आपस में ठीक तरीके से नहीं किया गया है और उनका लेवल भी उपयुक्त नहीं है।
- अधिक पानी का प्रवाह: जब पानी का प्रवाह ज्यादा होता है, तो नालियां और नाले उसकी मात्रा के अनुसार चौड़े नहीं होते, जिससे पानी रुक जाता है।
- नालियों की सफाई की कमी: नालियां और नाले कचरे और गंदगी से भरे होते हैं, जो पानी की निकासी में बाधा डालते हैं।
- अतिक्रमण की समस्या: नालियों पर अतिक्रमण बढ़ गया है और नई सड़कें अक्सर घरों की ऊँचाई से ऊँची होती जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप उचित निगरानी की जाती।
- सीवरेज लाइनों की समस्या: सीवरेज लाइनों का काम अधूरा है और कई जगहों पर लाइनों में ब्लॉकेज हो गया है, जिससे समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
.