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Ajmer Dargah: अजमेर दरगाह इलाके में पुलिस क्यों कर रही है सर्वे? डोर टू डोर जाकर खंगाल रही दस्तावेज

Ajmer Dargah Urs: ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर 813वां उर्स इस बार पहले से भी ज्यादा शान और शौकत के साथ मनाया जाएगा। 28 दिसंबर को उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा, और 2 जनवरी से रजब के पवित्र...
04:34 PM Dec 07, 2024 IST | Rajesh Singhal

Ajmer Dargah Urs: ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर 813वां उर्स इस बार पहले से भी ज्यादा शान और शौकत के साथ मनाया जाएगा। 28 दिसंबर को उर्स का झंडा चढ़ाया जाएगा, और 2 जनवरी से रजब के पवित्र महीने में उर्स का आगाज होगा। (Ajmer Dargah Urs )गरीब नवाज की याद में हर साल की तरह इस बार भी हजारों जायरीन अजमेर शरीफ में हाजिरी देने पहुंचेंगे।

दरगाह परिसर में तैयारियां जोरों पर हैं। रजब से 9 रजब तक चलने वाले इस भव्य आयोजन को लेकर पूरे इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस प्रशासन ने संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए सघन सर्वे अभियान शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, देशभर से आने वाले जायरीन और श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जा रही हैं।

दरगाह क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने दरगाह क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए होटल मालिकों और मकान मालिकों को सतर्क किया है। होटल में ठहरने वाले व्यक्तियों के दस्तावेजों की सख्ती से जांच का आदेश दिया गया है।

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पुलिस को निर्देश दिया है कि दरगाह क्षेत्र में रह रहे बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अन्य संदिग्ध लोगों की पहचान सुनिश्चित की जाए।

पहाड़ी इलाकों में डोर टू डोर सर्वे

पुलिस ने पहाड़ी इलाकों में घर-घर जाकर सर्वे शुरू कर दिया है। दस्तावेज़ों की जांच के बाद संदिग्ध लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। अब तक 100 घरों में लगभग 500 व्यक्तियों का सर्वे पूरा हो चुका है।

होटल मालिक और मकान मालिक को निर्देश दिया गया है कि वे किरायेदारों के दस्तावेज़ थाने में जमा करें। ऐसा न करने पर मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शिव मंदिर के दावे पर प्रतिक्रिया

अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने उर्स में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिरकत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि दरगाह हिंदुस्तान की संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है।

दरगाह के भीतर शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका पर सरवर चिश्ती ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है। दरगाह सभी जाति और धर्म के लोगों का स्वागत करती है।

सरवर चिश्ती ने कहा कि उर्स में चादर भेजने का निर्णय व्यक्तिगत है। गरीब नवाज की मर्जी से ही चादर चढ़ाई जाती है। उर्स उनकी चादर पर निर्भर नहीं करता।

 

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