Ajmer: अजमेर शरीफ दरगाह पर अब चादर विवाद...! हिंदू सेना का PMO को लेटर, जानें क्या है मामला?
Ajmer Sharif Dargah controversy: राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह एक बार फिर सुर्खियों में है। ताजा विवाद चादर पेश करने से जुड़ा है। (Ajmer Sharif Dargah controversy) दरअसल पीएम मोदी की ओर से हर साल की तरह इस बार भी अजमेर दरगाह में उर्स के दौरान चादर पेश की जाएगी, मगर हिंदू सेना इसका विरोध कर रही है और उन्होंने इसे लेकर PMO को लेटर भी लिखा है।
अजमेर शरीफ दरगाह में क्या है नया विवाद?
राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सालाना उर्स का आयोजन हो रहा है। पीएम मोदी भी उर्स के दौरान अजमेर शरीफ दरगाह में चादर चढ़ाते हैं, इस बार पीएम मोदी की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह में 4 जनवरी को चादर पेश की जाएगी। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजूजू PM मोदी की ओर से चादर लेकर अजमेर शरीफ दरगाह आएंगे। मगर हिंदू सेना इसका विरोध कर रही है।
PM की ओर से चादर का विरोध क्यों?
अजमेर शरीफ दरगाह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पहली बार नहीं भेजी जा रही। हर साल ही पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाई जाती है, मगर इस बार हिंदू सेना इसका विरोध कर रही है। हिंदू सेना ने इस मामले में पीएमओ को लेटर भी लिखा है, जिसमें हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने लिखा है कि अजमेर दरगाह है या मंदिर ? इसे लेकर कोर्ट में मामला लंबित है। जब तक इस मामले में अदालत का फैसला ना आए, तब तक पीएम मोदी की ओर से चादर नहीं भिजवाई जाए।
अजमेर शरीफ दरगाह या मंदिर?
अजमेर शरीफ दरगाह है या शिव मंदिर है ? इस पर नवंबर में विवाद शुरु हुआ था, जो अब तक नहीं थमा है। हिंदू सेना का दावा है कि यह शिव मंदिर है, जिसका निर्माण चौहान राजा ने करवाया था। कालांतर में यहां दरगाह बना दी गई। इस दावे के आधार पर हिंदू सेना की ओर से अदालत में याचिका दायर की गई है। जिस पर सुनवाई चल रही है, इस मामले में अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।
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