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अजमेर में थानेदारों से मंथली वसूली के मामले में 11 साल बाद फैसला, IPS राजेश मीणा सहित सभी आरोपी बरी

Ajmer News: राजस्थान के अजमेर शहर थानेदारों से मंथली वसूली करने के मामले में भ्रष्टाचार मामलों की एक विशेष अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. मिली जानकारी के मुताबिक 11 साल पुराने मंथली वसूली के मामले में तत्कालीन एसपी...
01:57 PM Jul 30, 2024 IST | Avdhesh
Ajmer News: राजस्थान के अजमेर शहर थानेदारों से मंथली वसूली करने के मामले में भ्रष्टाचार मामलों की एक विशेष अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. मिली जानकारी के मुताबिक 11 साल पुराने मंथली वसूली के मामले में तत्कालीन एसपी...
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Ajmer News: राजस्थान के अजमेर शहर थानेदारों से मंथली वसूली करने के मामले में भ्रष्टाचार मामलों की एक विशेष अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. मिली जानकारी के मुताबिक 11 साल पुराने मंथली वसूली के मामले में तत्कालीन एसपी राजेश मीणा, एएसपी लोकेश सोनवाल सहित 9 सीआई, 2 एसआई और 2 अन्य आरोपी को बरी करने के आदेश दिए गए हैं. मालूम हो कि 2013 में ACB ने सभी को आरोपी बनाया था जिसके बाद  अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक की डेजिग्नेटेड कोर्ट ने मंगलवार को मामले में फैसला सुनाया है.

मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट में मंगलवार को मंथली वसूली मामले में फैसले का दिन था जहां अभियोजन पक्ष की ओर से 90 गवाह और 300 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. बता दें कि मंथली वसूली के इस 11 साल पुराने मामले में तत्कालीन अजमेर एसपी राजेश मीणा, ASP लोकेश सोनवाल, दलाल रामदेव ठठेरा और थाना प्रभारी सहित 14 लोग आरोपी बनाए गए थे.

बता दें कि 2 जनवरी 2013 को ACB ने अजमेर के तत्कालीन SP राजेश मीणा को जयपुर रोड पर सरकारी आवास से दलाल ठठेरा के साथ गिरफ्तार किया गया था जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एसपी से एक थैली बरामद की थी जिसमें 2 लाख 5 हजार रुपए मिले थे. वहीं राजेश मीणा को 3 जनवरी 2013 को कोर्ट में पेश किया गया था.

'सत्य नहीं हो सकता है कभी पराजित'

इधर इस मामले में बरी होने के बाद तत्कालीन अजमेर एसपी आईपीएस राजेश मीणा ने कहा कि गलत तथ्य के आधार पर बनावटी, मिथ्या और साक्ष्य विहीन केस बनाया गया. उन्होंने कहा कि मुझे पहले दिन से ही भरोसा था कि इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होकर रहेगा. मीणा ने कहा कि आज एक बार फिर साबित हो गया है कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं. वहीं कोर्ट के फैसले के बाद आरोपियों के वकील अनिल सक्सेना ने कहा कि यह पूरा मामला एक ट्रैप नहीं था बल्कि पूरी तरह से प्लान किया गया क्राइम था.

कोर्ट ने इन लोगों को किया बरी

बता दें कि इस मामले में तत्कालीन अजमेर एसपी राजेश मीणा, एडिशनल एसपी शहर लोकेश सोनवाल, दलाल रामदेव ठठेरा,
पुलिस इंस्पेक्टर हनुमान सिंह, जयपाल धार्डिया, खान मोहम्मद, रविंद्र यादव, कुशाल चौरडिया, गोपाल लाल, बंसीलाल, प्रमोद स्वामी, संजय शर्मा, सुनील बिश्नोई और अशोक बिश्नोई को कोर्ट ने बरी कर दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि राजेश मीणा वर्तमान में पीएचक्यू आईजी सिक्योरिटी हैं.

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