Ajmer: 20 साल पुराना खौफ...75 पुलिस वालों के पहरे में निकली दलित दूल्हे की बारात?
Ajmer News Rajasthan: राजस्थान के अजमेर जिले में दलित दूल्हे की बारात के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। करीब 75 पुलिस वालों की मौजूदगी में बारात रवाना हुई,(Ajmer News Rajasthan) जिसकी लोगों के बीच काफी चर्चा रही। मगर बारात निकालने के लिए इतनी भारी संख्या में पुलिस क्यों बुलानी पड़ी? इसके पीछे 20 साल पुराना विवाद है, जिसकी यादें आज तक परिवार नहीं भुला पाया है। क्या है पूरा मामला तफ्सील से समझिए
पुलिस के कड़े पहरे में निकली बारात
अजमेर के श्रीनगर थाना इलाके के लवेरा गांव में मंगलवार को दलित दूल्हे की बारात निकाली गई। मगर यह बारात लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई, क्योंकि इस बारात में बारातियों से ज्यादा पुलिस वाले थे। करीब 75 पुलिस वालों की कड़ी सुरक्षा के बीच दलित दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर बारात निकाली गई। जो लवेरा गांव में नारायण रैगर के घर पहुंची। इस दौरान खुद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. दीपक कुमार भी मौजूद रहे।
20 साल पुराने विवाद के चलते पुलिस का पहरा
लवेरा गांव में आई इस बारात को पुलिस सुरक्षा देने की वजह 20 साल पुराना एक विवाद है। 20 साल पहले नारायण रैगर की बहन की शादी हुई थी। तब गांव में दलित दूल्हे की बारात निकालने को लेकर विवाद हो गया था और घोड़ी वाला घोड़ी लेकर भाग गया था, इसकी वजह से दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं बैठ पाया। हालांकि इसकी सूचना पर पुलिस तुरंत पहुंची और पुलिस जीप में दूल्हे को बिठाकर बारात निकाली गई थी।
अब कड़ी सुरक्षा में गाजे-बाजे से निकली बारात
अब कल मंगलवार को नारायण रेगर की बेटी की शादी हुई। जिसमें नारायण को विवाद की आशंका थी, इसके चलते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र देकर मानवाधिकारों की रक्षा की गुहार लगाई गई। इसके बाद SP वंदिता राणा के निर्देश पर गांव में 75 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया और फिर दलित दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर ढोल-नगाड़ों के गाजे बाजे के साथ नारायण रैगर के घर तक बारात निकाली गई।
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