अजमेर में फर्जी डॉक्टर के पर्दाफाश के बाद सवाल उठे...12वीं पास युवक को डॉक्टर कैसे बना दिया?
Ajmer News: अजमेर में चिकित्सा विभाग ने एक हैरान कर देने वाली कार्रवाई करते हुए एक फर्जी क्लीनिक संचालक को गिरफ्तार किया है। यह व्यक्ति, जो केवल 12वीं पास था, खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज कर रहा था। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि न केवल वह दवाइयाँ लिख रहा था, बल्कि मरीजों को ड्रिप भी चढ़ा रहा था। (Ajmer News)चिकित्सा विभाग की इस सख्त कार्रवाई ने स्वास्थ्य व्यवस्था में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं।
फर्जी मेडिकल डिग्री... नकली दवाइयां बरामद
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. ज्योत्सना रंगा के नेतृत्व में की गई छापेमारी के दौरान आरोपी समर विश्वा के क्लीनिक से बड़ी मात्रा में नकली दवाइयाँ और एक फर्जी मेडिकल डिग्री बरामद हुई। यह कार्रवाई चिकित्सा विभाग द्वारा की गई थी, जिसने एक बार फिर फर्जी डॉक्टरों और चिकित्सा धोखाधड़ी के मामलों को उजागर किया।
लाखों रुपये की दवाइयां जब्त
चिकित्सा विभाग की टीम ने आरोपी के क्लीनिक से लाखों रुपये की दवाइयाँ जब्त कीं और क्लीनिक को सीज कर दिया है। विभाग अब इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है, ताकि यह पता चल सके कि आरोपी को ये दवाइयाँ और अन्य चिकित्सा उपकरण कहां से मिल रहे थे।
यह घटना चिकित्सा क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को लेकर चिंता का कारण बन गई है। प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है, ताकि ऐसे फर्जी डॉक्टरों को सजा मिल सके और लोगों की जान को खतरे में डालने वाले मामलों को रोका जा सके।
सीएमएचओ डॉ. रंगा ने मामले के सामने आने के बाद आम जनता से अपील की है कि यदि उन्हें कहीं फर्जी डॉक्टरों के बारे में जानकारी मिले, तो वे तुरंत चिकित्सा विभाग को सूचित करें, ताकि किसी भी अवैध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।
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