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Ajmer Dargah: अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर क्यों गहरा रहा विवाद? क्या बोले मुस्लिम पक्ष और हिंदू समाज ?

Ajmer Dargah: अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को लेकर नई बहस छिड़ गई है। अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Dargah) को लेकर अजमेर CJM कोर्ट में एक वाद दायर किया गया है। जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह का सर्वे करवाने...
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Ajmer Dargah: अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को लेकर नई बहस छिड़ गई है। अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Dargah) को लेकर अजमेर CJM कोर्ट में एक वाद दायर किया गया है। जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह का सर्वे करवाने और इसे हिंदू मंदिर घोषित करने का अनुरोध किया गया है। जबकि अजमेर दरगाह कमेटी की ओर से इसे साजिश बताया जा रहा है। आखिर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को लेकर क्या विवाद है? हिंदू और मुस्लिम पक्षों के क्या दावे हैं?...जानते हैं

क्या है वाद...जिस पर हो रहा विवाद ?

अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह को लेकर हिंदू सेना ने अजमेर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक वाद पेश किया है। जिसमें बताया गया है कि अजमेर दरगाह का मुख्य द्वार मंदिरों के अवशेषों से बना है। ऐसे में दरगाह का सर्वे करवाया जाए और फिर से हिंदू मंदिर घोषित किया जाए। हिंदू सेना की ओर से दरगाह में भगवान संकट मोचन महादेव को विराजमान करने और हिंदू रीति-रिवाज से पूजा की अनुमति भी अदालत से मांगी गई है। इसके साथ ही दरगाह कमेटी के अवैध कब्जे को हटाने की मांग की गई है।

हिंदू पक्ष किस आधार पर कर रहा दरगाह पर दावा?

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने वकील के जरिए अदालत में जो वाद पेश किया है। इसमें बताया गया है कि दरगाह प्राचीन शिव मंदिर है, यहां पहले पूजा-अर्चना भी होती रही है। अजमेर के हरविलास शारदा ने 1911 में लिखी किताब 'हिस्टॉरिकल एंड स्क्रेटिव' में यहां मंदिर के प्रमाण होने का उल्लेख किया है। जिससे पता लगता है कि दरगाह के बुलंद दरवाजे क निर्माण मंदिर के मलबे से हुआ। ऐसे में दरगाह कमेटी का अवैध कब्जा हटाकर यहां मंदिर में पूजा- अर्चना का अधिकार दिया जाए। वाद में यह भी बताया गया है कि अकबरनामा और शाहजहां के समय की किताबों में भी अजमेर में किसी मस्जिद-दरगाह निर्माण का प्रमाण नहीं मिलता।

दरगाह को मंदिर बताने के दावे पर क्या बोला मुस्लिम पक्ष ?

अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर हिंदू सेना के दावे पर मुस्लिम पक्ष ने एतराज जताया है। दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन के उत्तराधिकारी नसरुद्दीन चिश्ती और खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। इनका कहना है कि अगर उनके धार्मिक स्थल को लेकर झूठी और बेबुनियाद साजिश रची गई तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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