Rajasthan Exit Poll: एग्जिट पोल में कांग्रेस को 2 से 7 सीटें मिलने की संभावना, जानें कहां भाजपा को मिल सकती है शिकस्त?
Rajasthan Exit Poll: जयपुर। राजस्थान के एग्जिट पोल में कांग्रेस को 2 से 7 सीटें तक मिलने संभावना जताई गई है। इसके बाद बड़ा सवाल यह है कि वो कौनसी सीटें हैं जहां कांग्रेस भाजपा को शिकस्त दे सकती है। जातिगत समीकरण और प्रत्याशियों के आधार पर प्रदेश में करीब एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस मुकाबले में है।
एग्जिट पोल ने संभावनाओं को नया आधार दिया तो कयासों के दौर फिर शुरू हो गए कि भाजपा किन सीटों पर हार का मुंह देख सकती है। राजस्थान फर्स्ट ने सीटों को पहचानने और संभावित नतीजों के लिए जिम्मेदार कारण जानने की कोशिश की है। आइए आपको बताते हैं कि एग्जिट पोल किन सीटों की तरफ इशारा कर रहे हैं।
बाड़मेर-जैसलमेर सीट
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल (Rajasthan Exit Poll) और निर्दलीय रवींद्र सिंह भाटी के बीच मुकाबला है जो भाजपा पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। रवींद्र सिंह भाटी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी उमेदाराम बेनीवाल मजबूत है। कांग्रेस के परंपरागत वोटर जाट मुस्लिम और एससी ने एक तरफा वोट किया है। विशेषकर जाट समाज का समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में जाता नजर आ रहा है। इससे कैलाश चौधरी की स्थिति कमजोर हो सकती है।
दौसा लोकसभा सीट
राजस्थान सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को अहमियत नहीं मिलने से मीणा (Rajasthan Exit Poll) समाज में भाजपा से नाराजगी है। भाजपा को इसका नुकसान हो सकता है। भाजपा प्रत्याशी जयपुर से होने के कारण कांग्रेस ने बाहरी का मुद्दा भी उठाया था। कांग्रेस प्रत्याशी मुरारी लाल मीणा को क्षेत्रीय होने का फायदा मिला है। मुरारी सचिन पायलट (Rajasthan Exit Poll) समर्थक हैं, पायलट ने उनके पक्ष में गुर्जर वोटरों को प्रभावित किया है।
नागौर लोकसभा सीट
आरएलपी उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल को समर्थन की कांग्रेस की रणनीति भाजपा के लिए संकट (Rajasthan Exit Poll) का कारण बन सकती है। नागौर में जाट समाज को मिर्धा परिवार की राजनीतिक वारिस ज्योति मिर्धा और नए जाट नेता हनुमान बेनीवाल में से किसी एक को चुनना है।
हनुमान बेनीवाल का युवा वर्ग में काफी क्रेज है। उन्हे कांग्रेस और आरएलपी का वोट बैंक एकजुट होकर मिलने की उम्मीद। यह तीसरी बार होगा जब हनुमान बेनीवाल ज्योती मिर्धा की राह में रोड़ा साबित होंगे।
कोटा लोकसभा सीट
अब तक हर चुनाव में अजेय रहे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इस बार प्रहलाद गुंजल से कड़ी चुनौती मिली है। जमकर वोटिंग से भी समीकरण बदले हैं। गुंजल ने अपने चेहरे अपने बूते चुनाव लड़ा और गुर्जर समाज का अच्छा खासा समर्थन मिला है।
जातिगत समीकरण की बात की जाए तो सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता 2.70 लाख हैं। मीणा मतदाता 2.25 लाख और ब्राह्मण 2.05 लाख हैं। प्रहलाद गुंजल खुद गुर्जर जाति से आते हैं। इस सीट गुर्जर मतदाता 1.90 लाख के आसपास है।
करौली-धौलपुर सीट
आरक्षित सीट होने की वजह से कांग्रेस, भाजपा और बहुजन समाज पार्टी ने जाटव समाज से ही प्रत्याशी घोषित किए हैं। जानकारों की मानें तो बहुजन समाज पार्टी इस चुनाव में असर कम दिखा पाई है। बसपा का वोट कांग्रेस के पक्ष में गया है।
वहीं, बुनियादी मुद्दों को लेकर सामान्य वर्ग में भी वर्तमान सांसद डॉ. मनोज राजोरिया के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी देखी जा रही थी। ऐसे में कांग्रेस के भजन लाल जाटव का पक्ष सबसे मजबूत दिखाई दे रहा है। भाजपा की इंदु देवी जाटव को अंदरूनी बगावत का सामना करना पड़ है।
चूरू लोकसभा सीट
भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र झाझड़िया के साथ राजेंद्र राठौड़ सहित पूरी पार्टी खड़ी दिखाई दी है। राजनीतिक अनुभव ना होने तथा राहुल कस्वा का टिकट कटने के कारण जाट मतदाताओं में नाराजगी भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है। विधानसभा चुनाव के बाद राजेंद्र राठौड़ और राहुल कस्वां की अदावत ने पूरे चुनाव को जातीय रंग दे दिया था।
जाट प्रत्याशी होने के बावजूद झाझड़िया जाटों का समर्थन हासिल नहीं कर सके है। कांग्रेस प्रत्याशी राहुल कस्वा को मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि का फायदा मिला है। दो बार के सांसद रहने के दौरान क्षेत्र में करवाए गए विकास कार्य तथा युवाओं से सीधा जुड़ाव होने से कस्वां मजबूत स्थिति में हैं।
सीकर लोक सभा सीट
पांच विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक जीत कर आए हैं, ऐसे में सांसद सुमेधानंद सरस्वती के सामने मतदाताओं को अपने पक्ष में करना बड़ी चुनौती है। साथ ही इस बार कांग्रेस और माकपा का गठबंधन होने के चलते कांग्रेस और माकपा का वोट बैंक एक साथ आने से सीकर संसदीय सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है।
गठबंधन के प्रत्याशी कॉमरेड अमराराम लगातार क्षेत्र में किसान समस्याओं और किसान आंदोलन के जरिए किसान वोट बैंक से जुड़े हुए हैं। इनके अलावा डूंगरपुर-बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर, झुंझुनू, टोंक-सवाई माधोपुर और जयपुर ग्रामीण सीट, से भी कांग्रेस को उम्मीद है।
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