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Khetari Mines: झुंझुनूं में पहाड़ियों के बीच निकलते हैं कीमती मेटल्स! जानें खेतड़ी की खानों के बारे में सबकुछ

Khetari Mines: झुंझुनूं। खेतड़ी स्थित एचसीएल की खदान में लिफ्ट टूटने से कई लोग अंदर फंस गए। जहां पहाड़ियों के बीच गहरी नदी से कीमती मेटल्स निकल रहे हैं। खेतड़ी में तांबे के प्लांट की स्थापना इंदिरा गांधी सरकार ने...
12:00 PM May 15, 2024 IST | Prashant Dixit

Khetari Mines: झुंझुनूं। खेतड़ी स्थित एचसीएल की खदान में लिफ्ट टूटने से कई लोग अंदर फंस गए। जहां पहाड़ियों के बीच गहरी नदी से कीमती मेटल्स निकल रहे हैं। खेतड़ी में तांबे के प्लांट की स्थापना इंदिरा गांधी सरकार ने 1975 में की थी। जहां 80 किलोमीटर में भूमिगत कई खदान और नदी फैली है। जिसमें कीमती मेटल्स निकलने के कारण मिट्टी भी सोने के भाव बिक रही है।

हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड की स्थापना

भारत 1975 से पहले रूस, चीन और अन्य देशों से तांबा मंगवाता था। जिसके बाद 1975 में खेतड़ी में तांबे के प्लांट की स्थापना हुई। तब से हर माह तीन हजार टन तांबे की सिल्लियां तैयार होती है। यहां तांबे की खोज वर्ष 1960 में हुई थी। तब यहां की खानें जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधीन थीं। हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड की स्थापना के बाद 9 नवंबर 1967 को खानें एचसीएल के अधीन आ गई। फिर एचसीएल की खेतड़ी कॉपर कॉम्पलेक्स की स्थापना हुई। जहां अभी करीब 11 हजार नियमित वर्कर्स कार्यरत थे।

भारत सरकार के अधीन एचसीएल

हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड भारत सरकार के अधीन काम करती है। भारत में इस कंपनी को देशभर में खनन की सारी प्रक्रियाओं का काम करने का लाइसेंस मिला हुआ है। हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड की खेतड़ी में खदानें है। जो पहाड़ के नीचे खेतड़ी और कोलिहान क्षेत्र में 80 किलोमीटर भूमिगत फैली हैं। जहां समुद्र तल से माइनस 102 मीटर की गहराई पर तांबा निकाला जाता है। यह देश की पहली सबसे बड़ी और सबसे गहरी तांबे की माइंस हैं। इसके तांबे की गुणवत्ता के कारण लंदन मेटल एक्सचेंज की ए ग्रेड में शामिल है।

केसीसी खान में बच रहा बहुत वेस्ट

इस कंपनी के अधिकारियों के अनुसार केसीसी में तांबा (Khetari Mines) निकलने के बाद शेष रहे वेस्ट (द्रव के रूप में) को टैलिंग डेम यानी नदी में एकत्रित किया जा रहा है। कॉपर निकालने की प्रक्रिया में 90 प्रतिशत मात्रा वेस्ट हो जाती है। यहां हर साल 30 लाख टन टैलिंग जमा हो रहा है। जिसकी कीमत 202 रुपए टन तक लग चुकी है। इस वेस्ट की जांच कुछ समय पहले चीन (Khetari Mines) की एक कंपनी से करवाई गई थी। जिसमें पता चला कि वेस्ट और नदी में सोना सहित कई कीमती धातुएं मौजूद हैं।

वेस्ट पर हुए सर्वे में यह हुए खुलासा

नदी के वेस्ट पर हुए सर्वे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। वेस्ट में कॉपर 0.13%, आयरन 16.96, सल्फर 1.31, एलुमिन 4.53, सिलिका 73.54, कैल्शियम .7%, मैग्नीशियम 1.65 पीपीएम, कोबाल्ट 40 पीपीएम, निकल 29 पीपीएम, लेड 17 पीपीएम, जिंक 36 पीपीएम, मैग्नीज 890 पीपीएम, सिल्वर 5.9 पीपीएम, सोना 0.18 पीपीएम, सिलिनियम 0.9 पीपीएम, मोलेबिडियम 9 पीपीएम, गोल्ड सहित अन्य धातु हैं। यह वेस्ट सूखने के बाद सोने और चांदी की तरह चमकता है। यहां खदान और नदी का क्षेत्रफल 8 किलोमीटर में फैला है।

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