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राजे की मुस्कान और सियासी सक्रियता... क्या बीजेपी में उनका अगला कदम है एक बड़ा सरप्राइज?

Vasundhara Raje : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर वसुंधरा राजे का नाम सुर्खियों में है। बीजेपी की अहम बैठक में उनकी मौजूदगी और हालिया तस्वीरों ने सियासी हलकों में अटकलें तेज कर दी हैं। पीएम मोदी के साथ...
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Vasundhara Raje : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर वसुंधरा राजे का नाम सुर्खियों में है। बीजेपी की अहम बैठक में उनकी मौजूदगी और हालिया तस्वीरों ने सियासी हलकों में अटकलें तेज कर दी हैं। पीएम मोदी के साथ मंच पर या पार्टी संगठन की महत्वपूर्ण बैठकों में वसुंधरा राजे की सक्रिय भागीदारी यह संकेत देती है कि वे राज्य की राजनीति में अपने प्रभाव को फिर से स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। रविवार को हुई बीजेपी की राष्ट्रीय संगठन समीक्षा बैठक में उनकी मुस्कुराती हुई तस्वीरें उस बदलाव का संकेत दे रही हैं, जो राजनीति में एक नए मोड़ को जन्म दे सकती है।

राजे का पिछले एक साल से अज्ञातवास के बाद सक्रिय होना और संगठन में (Vasundhara Raje )उनकी बढ़ती उपस्थिति यह सवाल खड़े कर रही है कि क्या उन्हें पार्टी में कोई महत्वपूर्ण भूमिका सौंपने की योजना है? क्या वे राजस्थान में बीजेपी के लिए अगले चुनावों की रणनीति में मुख्य भूमिका निभाएंगी? यह सब इस बात का इशारा है कि राजस्थान की सियासत में वसुंधरा राजे का प्रभाव एक बार फिर से बढ़ सकता है।

वसुंधरा राजे की सक्रियता: बीजेपी में बड़ी भूमिका की ओर?

राजस्थान की सियासत में एक बार फिर वसुंधरा राजे की बढ़ती सक्रियता चर्चा का विषय बनी हुई है। बीजेपी के संगठनात्मक समीक्षा बैठक में उनकी उपस्थिति और पीएम नरेंद्र मोदी से वन-टू-वन मुलाकात के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। यह घटनाक्रम तब और भी अहम हो गया जब राजस्थान के प्रदेश प्रभारी ने राजे की तस्वीर को सोशल मीडिया पर रिट्वीट कर उन्हें शुभकामनाएं दी। इसके बाद से सोशल मीडिया और सियासी हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि वसुंधरा राजे को राजस्थान या राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।

राजे को तरजीह क्यों दी जा रही है?

राजे को बीजेपी में जो तरजीह दी जा रही है, उसका कारण सियासी हलकों में विचार किया जा रहा है। खासतौर पर यह सवाल उठ रहे हैं कि जब बीजेपी में मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं का पुनर्वास नहीं हो सका, तो वसुंधरा राजे को अचानक से क्यों अहमियत दी जा रही है? खासतौर पर पिछले कुछ चुनावों में उन्हें पार्टी से साइडलाइन किया गया था, फिर भी अब उनके अचानक सक्रिय होने के कारणों पर चर्चा हो रही है। राजस्थान में संगठन और सरकार दोनों में कुछ समस्याएं सामने आई हैं, और पार्टी में असंतोष भी पनप रहा है। इस स्थिति को देखते हुए यह माना जा रहा है कि बीजेपी के पास फिलहाल वसुंधरा राजे से बेहतर कोई नेता नहीं है, जो पार्टी को एकजुट कर सके।

राजे की सक्रियता का फायदा सीएम भजनलाल को भी होगा

राजे की सक्रियता से केवल बीजेपी को ही नहीं, बल्कि सीएम भजनलाल शर्मा को भी लाभ हो सकता है। वे पहली बार के मुख्यमंत्री हैं और सरकार में उनका अनुभव सीमित है। साथ ही, वरिष्ठ नेताओं को साधने की चुनौती भी उनके सामने है। यदि राजे उनका समर्थन करती हैं, तो यह मुख्यमंत्री के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है और सरकार की स्थिति मजबूत हो सकती है।

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