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राजस्थान में नया सियासी अध्याय! वसुंधरा का 'एक जुट, नो गुट' नारा... भाजपा में मंथन शुरू!

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी की खबरों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक बड़ा संदेश दिया है।
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Vasundhara Raje: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी की खबरों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने एक बड़ा संदेश दिया है। जयपुर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़  (Madan Rathore) की ताजपोशी के अवसर पर उन्होंने एक ऐसा नारा दिया, जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को तेज कर दिया है— "एक जुट, नो गुट और एक मुख।" इस बयान को न केवल संगठनात्मक एकता का आह्वान माना जा रहा है, बल्कि इसे भाजपा की अंदरूनी राजनीति में एक नए समीकरण की ओर भी इशारा समझा जा रहा है।

अपने संबोधन में राजे ने स्पष्ट किया कि अगर भाजपा को राजस्थान में मजबूत करना है, तो सभी को "एक जुट, नो गुट और एक मुख" होकर चलना होगा। (Vasundhara Raje)उन्होंने कार्यकर्ताओं को गुटबाजी से बचने और संगठन की मजबूती पर ध्यान देने की बात कही। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा में उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं।

राजे के इस बयान को लेकर कई राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि यह सीधे तौर पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और राजस्थान के भीतर उनके विरोधियों को एक सख्त संदेश है। क्या यह बयान राजस्थान में उनके बढ़ते कद को दर्शाता है, या फिर यह पार्टी के भीतर उनके समर्थन को एकजुट करने की रणनीति है? यह सवाल अब राजनीतिक हलकों में गूंज रहा है।

'पार्टी का साथ दो, वो आपके बारे में जरूर सोचेगी'

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मदन राठौड़ को दूसरी बार प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा, "आज हमने एक ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष चुना है, जिसके खिलाफ किसी ने भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। हमें पूरी उम्मीद और पूरा विश्वास है कि मदन राठौड़ सभी को साथ लेकर चलेंगे। वे कर्मठ, समर्पित, संस्कारी, सेवाभावी और ईमानदार व्यक्ति हैं। यही कारण है कि आपको देश के सबसे बड़े प्रदेश को आगे ले जाने का मौका मिला है।"

राजे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि भाजपा कभी भी मेहनती कार्यकर्ताओं को अनदेखा नहीं करती। उन्होंने कहा, "मैं मदन राठौड़ को लंबे समय से जानती हूं। उनका राजनीतिक सफर आसान नहीं रहा, बहुत उतार-चढ़ाव आए। लेकिन हम उनके साथ तब भी खड़े थे और आज भी खड़े हैं। मैं भाजपा के हर कार्यकर्ता से कहना चाहती हूं कि अगर मेहनत करोगे और पार्टी के साथ खड़े रहोगे, तो पार्टी भी आपका ध्यान रखेगी। मदन राठौड़ का आज यहां होना यही दर्शाता है।"

राजे ने दोहराया ‘पद, मद, कद’ वाला बयान

वसुंधरा राजे ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा, "मदन राठौड़ ने पिछली बार 3 अगस्त को प्रदेशाध्यक्ष का पदभार संभाला था। तब मैंने कहा था.... पद, मद और कद। पद का मद आ जाता है, तो कद अपने आप कम हो जाता है। लेकिन मदन राठौड़ के नाम में ही 'मद' और 'न' है, इसलिए हमें शक नहीं कि आपको कभी मद आने वाला है।"

राजे ने राठौड़ को एक मजबूत टीम बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "आपको ऐसे कार्यकर्ताओं की टीम बनानी होगी, जो काबिल, जिम्मेदार और वैचारिक रूप से पार्टी को मजबूत कर सके। हो सकता है कि रास्ता कठिन लगे, या आपका काम सराहा न जाए, लेकिन संगठन की मजबूती के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलते रहना जरूरी है।"

'मैंने पहली बार आपको सुना, मजा आया' 

राजे ने इस दौरान भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, "बेबाक और स्पष्ट बात कहने वाले राधा मोहन को मैंने पहली बार सुना। मुझे बहुत अच्छा लगा, मजा आया।

आपने बिना किसी डिप्लोमेसी के सीधे-सीधे बात रखी, जो सबके दिल में घर कर गई। आपने संगठन और सत्ता के बीच संतुलन बनाने का काम किया, जो आसान नहीं है। यही संतुलन हमारी पार्टी की शक्ति है।"

राजे के बयान के सियासी मायने

राजे राजस्थान भाजपा में खुले तौर पर फ्रंट फुट पर नहीं हैं, लेकिन संगठन के हर अहम फैसले में उनकी भूमिका अहम रही है। जब भी पार्टी को उनकी जरूरत होती है, वे सक्रिय हो जाती हैं।

शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बाद राजे खुद स्पीकर से मिलने पहुंचीं, जिससे यह साफ हो गया कि वे अब भी पार्टी के अंदर बड़ी भूमिका निभा रही हैं। उनके "एक जुट, नो गुट और एक मुख" के नारे को कुछ लोग गुटबाजी के संदर्भ में देख रहे हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा राजस्थान में मजबूत है और संगठन को एकजुट रखना ही प्राथमिकता है।

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