"समरावता थप्पड़ कांड!" 57 आरोपियों को मिली जमानत... नरेश मीना को नहीं मिली राहत
Tonk Violence: (कमलेश कुमार महावर)राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा है। जिला एवं सत्र न्यायालय ने समरावता थप्पड़ कांड से जुड़े मामले में उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह मामला नगरफोर्ट थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें नरेश मीणा पर उपचुनाव के दौरान एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मारने का आरोप था। (Tonk Violence)लोक अभियोजक राजकिशोर गुर्जर ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि न्यायालय ने नरेश मीणा की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए उन्हें बड़ी राहत नहीं दी।
अब तक 57 को मिल चुकी जमानत
देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान हुए बवाल मामले में अब तक 57 लोगों को न्यायालय द्वारा जमानत मिल चुकी है। 6 जनवरी को टोंक जिला एवं सत्र न्यायालय ने समरावता थप्पड़ कांड से जुड़े 18 आरोपियों की जमानत अर्जी मंजूर की, जबकि 3 जनवरी को राजस्थान हाईकोर्ट ने 39 लोगों को राहत दी थी। इन घटनाओं के बावजूद नरेश मीणा की जमानत अर्जी को दो बार खारिज किया जा चुका है।
यह था मामला
समरावता थप्पड़ कांड की शुरुआत 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा सीट के उपचुनाव में हुई थी, जब समरावता गांव के लोग अपनी ग्राम पंचायत को उनियारा तहसील में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मतदान कराने के लिए दबाव डाला और एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मारा। इसके बाद हिंसा भड़क गई, जिसमें कई लोग घायल हुए और विरोध प्रदर्शन के कारण कई मार्ग बंद हो गए थे। पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार किया, लेकिन उनके समर्थकों ने उन्हें छुड़ा लिया था।
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