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कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के दोबारा उद्घाटन पर बवाल! जूली ने बताया ‘लोकतंत्र पर हमला’, कांग्रेस ने किया बहिष्कार

विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने इस कार्यक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया।
11:39 AM Mar 09, 2025 IST | Rajesh Singhal

Tika Ram Jully: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का पुनः उद्घाटन बड़ा राजनीतिक विवाद बन चुका है। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने इस कार्यक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और विधायकों के सम्मान का अपमान करार देते हुए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। (Tika Ram Jully)पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार कांग्रेस के कार्यों पर अपना ठप्पा लगाकर झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।

पहले ही हो चुका था उद्घाटन, फिर दोबारा कार्यक्रम क्यों?

कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान ही विधानसभा के पास विधायकों के लिए उच्चस्तरीय सुविधाओं वाले कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और विधायक आवास का निर्माण हुआ था। उस समय इसका औपचारिक उद्घाटन तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की उपस्थिति में हो चुका था। इसके बावजूद भाजपा सरकार द्वारा दोबारा उद्घाटन करने का क्या औचित्य है, इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।

"लोकतंत्र की हत्या" 

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "यह सिर्फ एक इमारत का उद्घाटन नहीं, बल्कि लोकतंत्र और विधायकों की गरिमा पर सीधा प्रहार है। भाजपा सरकार ने अपनी परंपरा के अनुसार फिर से कांग्रेस के कामों का श्रेय लेने की कोशिश की है। यह निंदनीय और शर्मनाक है।" कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इस फैसले की घोर निंदा की गई और कार्यक्रम का पूर्ण बहिष्कार किया गया।

भाजपा पर लगाया ‘झूठा प्रचार’ करने का आरोप

कांग्रेस विधायक दल ने इस समारोह से दूरी बनाते हुए इसे ‘श्रेय की राजनीति’ बताया। जूली ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अपनी छवि सुधारने के लिए कांग्रेस शासन में किए गए कार्यों का दोबारा लोकार्पण और उद्घाटन करने की रणनीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि "यह सरकार विकास के नाम पर कुछ नहीं कर रही, बल्कि केवल कांग्रेस की उपलब्धियों पर झूठा श्रेय बटोरने में लगी है।"

भाजपा का जवाब...कांग्रेस की बौखलाहट!

इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा ने भी जवाबी हमला किया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘सत्ता से बाहर होने की बौखलाहट’ करार दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि "राज्य की जनता विकास चाहती है, लेकिन कांग्रेस केवल नकारात्मक राजनीति में उलझी हुई है।"

श्रेय की लड़ाई बनी बड़ा राजनीतिक मुद्दा

राजस्थान में यह मामला अब सिर्फ एक उद्घाटन समारोह तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कांग्रेस और भाजपा के बीच ‘श्रेय की सियासत’ का बड़ा मुद्दा बन गया है। एक तरफ भाजपा इसे अपनी सरकार की उपलब्धि बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे सत्ता पक्ष का ‘राजनीतिक स्टंट’ करार दे रही है। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने की संभावना है, जिससे राज्य की राजनीति में नई हलचल मच सकती है।

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