सीकर जिले में 'कर्फ्यू' जैसे हालात, सड़कों पर सन्नाटा, दुकानें बंद; आखिरकार क्या है वजह?
Sikar market closure: :राजस्थान के सीकर में शनिवार को सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले को समाप्त करने के विरोध में बाजार बंद रहा। इस प्रदर्शन को कई व्यापारिक संगठनों ने समर्थन दिया और प्रतिष्ठान बंद रखे। सुबह 10 बजे से शुरु हुआ यह विरोध जाट बाजार और कल्याण सर्किल पर भी देखा गया।
लेकिन जब कांग्रेस कार्यकर्ता नवलगढ़ रोड पर पहुंचे और देखा कि वहां एक रेस्टोरेंट खुला है, तो उन्होंने इसे बंद कराने की कोशिश की। इस पर रेस्टोरेंट मालिक और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई।( Sikar market closure ) इस घटनाक्रम ने प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सीकर में इस विरोध को लेकर सियासी पारा भी चढ़ गया है और दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
नीमकाथाना... सीकर में सरकारी फैसलों के खिलाफ उग्र विरोध
राजस्थान के सीकर जिले और नीमकाथाना में शनिवार को सीकर और नीमकाथाना को संभाग और जिले के दर्जे से वंचित करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। सीकर के बाजार बंद कर दिया गया है, वहीं नीमकाथाना में भूख हड़ताल जारी है। विरोधी नेता और विभिन्न संगठन इस कदम को शेखावटी क्षेत्र के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए आंदोलन का आह्वान कर रहे हैं।
सीकर में बाजार बंद... विरोध प्रदर्शन
सीकर शहर के जाट बाजार, तापड़िया बगीची, तबेला बाजार और अन्य मुख्य बाजारों में सुबह से ही दुकानें बंद रही। व्यापारिक संगठनों के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस बंद का समर्थन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बाजारों में दुकानों को बंद करवाया। इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी।
नीमकाथाना में भूख हड़ताल...आत्मदाह की चेतावनी
वहीं नीमकाथाना में इस मुद्दे पर संघर्ष जारी है। यहां की 'नीमकाथाना जिला बचाओ संघर्ष समिति' द्वारा पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल चल रही है। इस दौरान एक युवक ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है, जिससे विरोध और भी उग्र हो गया है। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट तक मार्च किया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
विरोधी नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस और माकपा के नेताओं ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। माकपा के जिला सचिव और पूर्व विधायक पेमाराम ने कहा कि भाजपा सरकार ने शेखावटी क्षेत्र के लोगों के संघर्ष और मांगों को नजरअंदाज किया है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला ने भी इस फैसले को जनविरोधी बताया और कहा कि शेखावटी क्षेत्र के लोग अब आंदोलन के जरिए अपनी आवाज उठाएंगे।
आगे की रणनीति और आंदोलन का आह्वान
संघर्ष समिति के सदस्य भागीरथ मल जाखड़ ने कहा कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सीकर को फिर से संभाग और नीमकाथाना को जिले का दर्जा नहीं मिल जाता। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही कदम नहीं उठाए तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सड़कों को जाम किया जाएगा और मुख्यमंत्री के पुतले फूंके जाएंगे।
राज्य सरकार पर विपक्षी दलों का हमला
एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार विकास की बजाय विनाश कर रही है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की 'डबल इंजन' वाली राजनीति पर सवाल उठाए और कहा कि भाजपा और मोदी सरकार ने राजस्थान के विकास को पीछे धकेल दिया है। इस विरोध ने सीकर और नीमकाथाना में सियासी गर्माहट पैदा कर दी है और यह स्पष्ट है कि शेखावटी के लोग अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
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