SI भर्ती पर बेनीवाल की चिंता! CM की चुप्पी को लेकर उठाए बड़े सवाल, सरकार क्यों चुप है?
SI Paper Leak Case:राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को लेकर विवाद और तेज हो गया है। हजारों अभ्यर्थियों के संघर्ष के बाद आखिरकार बड़ी खबर आई है। मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश कर दी है। साथ ही, पेपर लीक मामले में राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने भी परीक्षा रद्द करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।
इस बीच, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मामले में नया मोड़ लाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। (SI Paper Leak Case)उन्होंने दावा किया है कि दो मंत्रियों और एक IAS अधिकारी ने इस परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर अपने करीबी लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की। बेनीवाल के आरोपों ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। अब सवाल उठता है कि क्या इस घोटाले के जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य विवादों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
हनुमान बेनीवाल का सीएम पर तीखा हमला
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान सरकार पर SI भर्ती मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल पूछते हुए लिखा, "क्या आपकी सरकार के दो मंत्री और CMO में बैठे IAS अधिकारी SI भर्ती को रद्द करने की सिफारिशों पर भारी पड़ रहे हैं, क्योंकि उनकी महिला मित्रों का फर्जीवाड़े से चयन हो चुका है? क्या ये लोग मुख्यमंत्री से भी ऊपर हैं?"
SI भर्ती परीक्षा में घोटाले का आरोप
राजस्थान में पुलिस उप-निरीक्षक (SI) भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर पेपर लीक होने के मामले सामने आए हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की साख पहले ही दांव पर लगी हुई है। SOG द्वारा पेपर लीक के प्रमाण मिलने और PHQ, एडवोकेट जनरल, व मंत्रिमंडलीय उप-समिति द्वारा भर्ती को रद्द करने की सिफारिश के बावजूद सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया।
बेरोजगारों के भविष्य पर मंडराया संकट
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हर दिन पेपर लीक की खबरें राज्य के लाखों युवाओं के भविष्य को खतरे में डाल रही हैं। यह समस्या सिर्फ परीक्षाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था और सरकार की संवेदनशीलता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग
बेनीवाल ने SI भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। इसके बाद गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव से जवाब तलब भी किया। उन्होंने कहा, "यह शर्मनाक है कि जिन ट्रेनी उप-निरीक्षकों को गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने जमानत पर रिहा होने के बाद ड्यूटी फिर से ज्वाइन कर ली।"
लोकसभा में मुद्दा उठाने का प्रयास
हनुमान बेनीवाल ने बताया कि उन्होंने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की। हालांकि, सदन की कार्यवाही बाधित होने के कारण यह मामला उठ नहीं पाया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और गृह मंत्री को भी इस मामले से अवगत करवाया।
सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल
बेनीवाल ने कहा कि "सरकार की चुप्पी यह साबित करती है कि बेरोजगार युवाओं के भविष्य को लेकर उनकी कोई संवेदनशीलता नहीं है।" उन्होंने मुख्यमंत्री से SI भर्ती को तत्काल रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
यह भी पढ़ें: Bundi: वंदेभारत की राह में गुस्ताखी...ट्रैक पर रखा लोहे का सरिया, लोको पायलट की सूझबूझ से टला हादसा
यह भी पढ़ें: पूर्व PM मनमोहन सिंह की झीलों के शहर से जुड़ीं याद...उदयपुर में की थी ब्रिटेन के पूर्व PM टोनी ब्लेयर से मुलाकात