समरावता में धधकती आग, मगर सच्चाई कहां? सचिन पायलट बोले... जांच से क्यों डर रही सरकार?
Sachin Pilot: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मुद्दा गर्मा गया है। समरावता कांड को लेकर सियासत तेज हो गई है, और विपक्ष सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है। इस घटना को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
जयपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान सचिन पायलट ने समरावता कांड की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग करते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जब सरकार के ही मंत्री न्यायिक जांच की जरूरत स्वीकार कर चुके हैं, तो फिर प्रशासनिक और पुलिस जांच पर निर्भर रहने से सच्चाई सामने कैसे आएगी? पायलट का कहना है कि अगर घर जलाए गए, लोगों के साथ अन्याय हुआ, और रात के अंधेरे में कोई घटना हुई, तो इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। (Sachin Pilot)सरकार अगर इस मामले में पारदर्शिता नहीं बरतेगी, तो जनता के बीच गलत संदेश जाएगा।
इस बयान के साथ ही राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है, क्योंकि सचिन पायलट ने सरकार की मंशा पर सीधा सवाल उठाते हुए न्याय की मांग को प्रमुख मुद्दा बना दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष इसे किस तरह चुनावी मुद्दा बनाता है।
समरावता कांड पर गरमाई राजनीति
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने समरावता कांड को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला है। जयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार की न्याय देने की कोई मंशा नहीं है, क्योंकि अब तक इस मामले में जांच शुरू भी नहीं हुई। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार खुद न्यायिक जांच की जरूरत मान चुकी थी, तो अब वह इस मुद्दे से पीछे क्यों हट रही है? पायलट ने सरकार पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के हर मामले में अदालत को दखल देना पड़ रहा है, जो प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है।
नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी
समरावता गांव में उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा के मामले में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की जमानत याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा ने दलील दी कि समरावता गांव के लोग लंबे समय से तहसील मुख्यालय बदलने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे और इसी कारण उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया था।
थप्पड़ कांड बना विवाद का कारण
13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। हालांकि, इसी दौरान केवल तीन वोट डाले गए, जिसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। यह घटना तूल पकड़ गई और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 14 नवंबर को नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले को लेकर अब राजनीति गरमा गई है। एक ओर सचिन पायलट सरकार पर जांच न करने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट में कानूनी लड़ाई जारी है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह मामला और बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।
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