कौन हैं विनोद जाखड़? हिरासत में लेने के बाद सियासी हलचल तेज... सचिन पायलट ने कसा तंज
Utkarsh Coaching Accident:राजस्थान की राजनीति में छात्रों के मुद्दों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। जयपुर के उत्कर्ष कोचिंग संस्थान में छात्रों के बेहोश होने की घटना ने राज्यभर में आक्रोश पैदा कर दिया। (Utkarsh Coaching Accident)इस घटना के विरोध में एनएसयूआई राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने छात्रों की आवाज उठाई, लेकिन इसके बाद उन्हें पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया।
इस घटना पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जाखड़ की रिहाई की मांग की है। उन्होंने सरकार की निंदा करते हुए कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाना अपराध नहीं हो सकता। पायलट ने पुलिस की कार्रवाई को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए इसे हठधर्मिता करार दिया और जाखड़ को तुरंत रिहा करने की मांग की।
छात्रों और युवा संगठनों से जुड़े इस प्रकरण ने न केवल राज्य की राजनीति को गरमाया है, बल्कि यह सवाल भी खड़े किए हैं कि क्या लोकतंत्र में विरोध दर्ज कराना एक अपराध बन गया है? सचिन पायलट का यह बयान इस मुद्दे को और अधिक तूल दे सकता है।
एनएसयूआई ने छेड़ा आंदोलन
राजस्थान की राजधानी जयपुर के महेश नगर इलाके में उत्कर्ष कोचिंग में रविवार देर शाम 10 छात्र-छात्राएं अचानक बेहोश हो गए। इनमें 8 लड़कियां और 2 लड़के शामिल थे। घटना की वजह गटर से लीक हुई जहरीली गैस या किचन के धुएं को बताया जा रहा है। हालांकि, अभी तक स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। इस घटना ने छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस ने किया बल प्रयोग
इस हादसे के विरोध में एनएसयूआई के कार्यकर्ता रविवार शाम से ही कोचिंग संस्थान के बाहर डटे हुए थे। सोमवार को जब प्रदर्शन तेज हुआ, तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ और एक दर्जन कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
सचिन पायलट ने जताई नाराजगी
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर हुई पुलिस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सरकार पर तीखा हमला बोला। पायलट ने कहा, "छात्रों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाना अपराध नहीं है। सरकार को हठधर्मिता छोड़कर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और विनोद जाखड़ को तुरंत रिहा करना चाहिए।"
विनोद जाखड़ बोले.. "संघर्ष रहेगा जारी"
हिरासत में लिए जाने के बावजूद एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने कहा, "पुलिस हमें जेल में डाल सकती है, लेकिन हमारा संघर्ष जारी रहेगा। जब तक छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, हम चुप नहीं बैठेंगे।"
NSUI ने रखीं ये 4 बड़ी मांगें
कोचिंग संस्थानों के मानकों की जांच: सभी कोचिंग संस्थानों की विस्तृत जांच की जाए और एनओसी जारी करने की प्रक्रिया की समीक्षा की जाए। दोषी अधिकारियों और संस्थानों पर सख्त कार्रवाई हो।
फीस नियंत्रण और कानून: कोचिंग संस्थानों और करियर काउंसलिंग पाठ्यक्रमों की फीस सरकार द्वारा तय की जाए ताकि छात्रों और उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ कम हो।
छात्र संख्या सीमित की जाए: प्रत्येक बैच में छात्रों की संख्या सीमित करने के लिए सख्त मानक तय किए जाएं।
मेडिकल और मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं: सभी कोचिंग संस्थानों में मेडिकल सुविधाएं और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं अनिवार्य की जाएं।