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भजनलाल सरकार की नाकामी से 3.2 लाख एसटी छात्रों का सपना टूटा, सचिन पायलट बोले...'गंभीर चूक!'

राजस्थान में अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्तियों के 3.2 लाख आवेदन लंबित हैं, जो राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
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Sachin Pilot: राजस्थान में अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्तियों के 3.2 लाख आवेदन लंबित हैं, जो राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं। लोकसभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2023-24 में राजस्थान सरकार द्वारा पहले से उपलब्ध धन का उपयोग प्रमाणपत्र (UC) प्रस्तुत नहीं किए जाने की वजह से केंद्र सरकार ने एसटी छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि जारी नहीं की।

इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। पायलट ने कहा, "भारत सरकार ने खुलासा किया है कि राजस्थान में एसटी छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्तियों के 3.2 लाख आवेदन लंबित हैं। (Sachin Pilot) यह भाजपा सरकार की लापरवाही और शिक्षा के क्षेत्र में खोखले दावों का एक उदाहरण है।" उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार ने एसटी छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के प्रति पूरी तरह से संवेदनहीनता दिखाई है।

सचिन पायलट ने आगे कहा, "यह सरकार का दायित्व है कि वह इन त्रुटियों को तुरंत सुधारें ताकि कोई छात्र सहायता से वंचित न रहे।" उनका कहना था कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रवृत्तियों का वितरण सही तरीके से और समय पर किया जाए, ताकि एसटी छात्रों का शैक्षणिक विकास प्रभावित न हो।

वित्तीय स्थिति....जारी की गई धनराशि

प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2022-23 में जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 35.30 करोड़ रुपये और 2024-25 में (5 मार्च 2025 तक) 22.36 करोड़ रुपये जारी किए हैं। वहीं, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 2022-23 में 188.10 करोड़ रुपये, 2023-24 में 220 करोड़ रुपये और 2024-25 में (5 मार्च 2025 तक) 350 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। हालांकि, इन राशियों के बावजूद राजस्थान सरकार की लापरवाही के कारण कई छात्रवृत्तियां लंबित हैं, जो शिक्षा के अधिकार की धज्जियां उड़ाने जैसा है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

राजस्थान की भाजपा सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सचिन पायलट और अन्य कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार की नीतियों को लेकर आरोप लगाया है कि यह केवल घोषणाओं तक सीमित हैं, जबकि असल में छात्रों की जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा है। भाजपा के नेताओं ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि राज्य सरकार सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है, और कोई भी छात्रवृत्ति लंबित नहीं रहेगी।

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