अशोक गहलोत के सलाहकार और मंत्री ओटाराम देवासी के बीच एक्स पर तीखी बहस, जानें क्या था कारण?
Rajasthan Politics:राजनीति में आये दिन नए विवाद सामने आते रहते हैं, और इस बार यह विवाद सोशल मीडिया पर हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार रहे संयम लोढ़ा और मंत्री ओटाराम देवासी के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बयानबाजी जारी है। संयम लोढ़ा ने ओटाराम देवासी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री बिना कुछ किए अपनी पीठ थपथपा रहे हैं (Rajasthan Politics) और गलत तरीके से वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं। यह विवाद प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है, जहां दोनों पक्षों के बीच शब्दों की जंग तेज हो गई है।
मंत्री ओटाराम देवासी... संयम लोढ़ा के बीच तकरार
राज्य मंत्री ओटाराम देवासी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा के बीच सोशल मीडिया पर राजनीतिक तकरार बढ़ती जा रही है। दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तीव्र हो गया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। लोढ़ा ने देवासी पर घोषणाओं के जरिए वाहवाही लूटने का आरोप लगाया, वहीं देवासी ने उन्हें सिरोही में किए गए कामों की सच्चाई बताने की चुनौती दी।
राज्य मंत्री ओटाराम...ने लोढ़ा के बयान को किया खारिज
बीजेपी नेता ओटाराम देवासी ने संयम लोढ़ा के बयान को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि लोढ़ा की घोषणाओं से जनता को कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि सिरोही में जो घोषणाएं की गई थीं, उन पर कोई काम नहीं हुआ, जबकि उनके नेतृत्व में अब उन घोषणाओं को जमीन पर उतारा जा रहा है। देवासी ने साफ कहा कि उनके पास काम की सच्चाई है, जो धरातल पर दिखाई देगी, जबकि लोढ़ा केवल बयानबाजी करते रहे हैं।
सिरोही में कांग्रेस का वर्चस्व समाप्त करने की दिशा में BJP का संघर्ष
संयम लोढ़ा और ओटाराम देवासी के बीच यह वाकयुद्ध सिरोही में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का एक हिस्सा माना जा सकता है। जहां लोढ़ा सिरोही में कांग्रेस की छवि को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं देवासी बीजेपी के विकास कार्यों के जरिए वहां अपनी पकड़ बनाने में जुटे हैं। दोनों नेताओं के बीच यह बयानबाजी केवल एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों में राजनीतिक रणनीतियों का हिस्सा बन सकती है।
कांग्रेस...बीजेपी के बीच राजनीतिक आदान-प्रदान में तेजी
मंत्री ओटाराम देवासी और संयम लोढ़ा के बीच की यह तकरार, राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीव्र हो रही राजनीतिक जंग का संकेत है। दोनों पार्टियां आगामी चुनावों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। इस संघर्ष का प्रभाव सिरोही और आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिल सकता है, जहां दोनों पार्टियों के समर्थक एक-दूसरे के खिलाफ जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं।
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