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"आज लोग चलना सिखाने वाली उंगली को पहले काटते हैं..." आखिर वसुंधरा राजे ने तोड़ी चुप्पी...लेकिन किस पर साधा निशाना?

Vasundhara Raje: राजस्थान की सियासत में लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी खेमे में कई तरह की बयानबाजी चल रही है जहां हार को लेकर मंथन और आपसी छींटाकशी का दौर चल रहा है। इसी कड़ी में सूबे की पूर्व सीएम...
04:57 PM Jun 23, 2024 IST | Avdhesh

Vasundhara Raje: राजस्थान की सियासत में लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी खेमे में कई तरह की बयानबाजी चल रही है जहां हार को लेकर मंथन और आपसी छींटाकशी का दौर चल रहा है। इसी कड़ी में सूबे की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है जहां राजे ने उदयपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि आज लोग उसकी ही अंगुली काटने का प्रयास करते हैं, जिसे पकड़कर वो चलना सीखते हैं। उदयपुर में हुए विशिष्ट जन समारोह को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि वफा का वह दौर अलग था तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे लेकिन अब वक्त बदल गया है दरअसल उदयपुर में सुंदर सिंह भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से विशिष्ट जन सम्मान समारोह एवं व्याख्यान माला का कार्यक्रम आयोजित हुआ था जिसमें असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे एक साथ मौजूद रहे।

राजे के इस बयान के बाद सियासी हल्कों में उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं जहां राजे ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों के खत्म होने के बाद लंबे समय से बरकरार रही चुप्पी तोड़ी है। राजनीतिक विश्लेषक राजे के बयान के कई सियासी मायने निकाल रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लंबे समय बाद राजे ने चुप्पी तोड़कर पार्टी आलाकमान को संदेश दिया है कि वह अब चुप नहीं रहने वाली है। वहीं राजे ने आज उन लोगों को भी निशाने पर लिया जिन्हें वसुंधरा राजे ने राजस्थान की राजनीति में आगे बढ़ाया था।

"वफा का वो दौर अलग था"

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सुंदर सिंह भंडारी जी ने राजस्थान में भैरोंसिंह जी सहित कितने ही नेताओं को आगे बढ़ाने का काम किया लेकिन वफा का वह दौर अलग था तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे लेकिन आज तो लोग उसी अंगुली को पहले काटने का प्रयास करते हैं जिसको पकड़ कर वह चलना सीखते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी मां ने हमेशा हमें संघ के संस्कार दिए मेरी माता ने पहली जनसंघ की सरकार बनाई थी।

राजे ने आगे कहा कि उनकी माता विजयाराजे सिंधिया ने मध्यप्रदेश में 1967 में देश में पहली बार जनसंघ की सरकार बनाई और गोविंद नारायण सिंह को सीएम बनाया तब भंडारी जी ने पत्र लिख कर खुशी जताई थी। राजे ने आगे कहा कि उन्हें अटल जी, आडवाणी जी, राजमाता साहब, भैरों सिंह जी, सुंदर सिंह जी भंडारी, रज्जू भैया, केएस सुदर्शन जी, दत्तोपंत ठेंगड़ी जी और कुशाभाऊ ठाकरे जैसे देशभक्तों का मार्गदर्शन मिला।

संगठन को लेकर राजे की बड़ी बात

वहीं राजे ने आगे कहा कि श्यामा प्रसाद, भंडारी जी ने एक पौधे को वृक्ष बनाया और भंडारी जी ने आजीवन संगठन को मजबूत करने का काम किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को ऊंचा उठाने का काम किया, आप सभी लोगों को मालूम है उन्होंने हमारे में एक पौध को समझा और धीरे-धीरे आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने आगे कहा कि एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं चलेंगें..ये नारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया और आज उनका बलिदान दिवस है, वे मरे नहीं थे साजिश के तहत मारे गए, यह हम सब जानते है।

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