Rajasthan: राजस्थान में सियासी गर्मी! अशोक गहलोत फिर होंगे मुख्यमंत्री...कांग्रेस के पूर्व मंत्री का बड़ा दावा
Rajasthan politics: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों चर्चाओं का केंद्र बने हुए हैं राज्य के पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल। उनका एक बयान सियासी गलियारों में हलचल मचा रहा है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर बड़ा दावा किया है। (Rajasthan politics) मेघवाल ने कहा है कि अगर अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीतती है, तो अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
इस बयान के साथ ही राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर अशोक गहलोत का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है। उनके विकास कार्यों की सराहना करते हुए मेघवाल ने संकेत दिया है कि हाईकमान की मर्जी हुई, तो गहलोत का सत्ता में वापसी का रास्ता तय है। इस बयान ने कांग्रेस और विपक्षी खेमे में सियासी तापमान बढ़ा दिया है।
वही ढर्रा, वही राग..अपने नामों से अनुराग'
पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल के बयान पर कांग्रेस के भीतर ही सवाल उठने लगे हैं। अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के भीतर व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को लेकर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'एक पार्टी सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ती है, लेकिन कांग्रेस में अलग-अलग नेता केवल मुख्यमंत्री बनने तक सीमित रह जाते हैं।' उन्होंने पार्टी के भीतर व्यक्तिगत स्वार्थों को पार्टी हित से ऊपर रखने का आरोप लगाया और कहा कि 'अभी 4 साल तक मेहनत और एकजुटता दिखाने का समय है, लेकिन वही पुराना ढर्रा जारी है।'
हर 5 साल में सरकार बदलने का 'रिवाज'
राजस्थान की राजनीति में पिछले तीन दशकों से हर पांच साल में सरकार बदलने का चलन रहा है। 1993 से शुरू हुए इस 'रिवाज' के तहत राज्य के मतदाता कभी कांग्रेस को तो कभी बीजेपी को सत्ता सौंपते हैं। हर चुनाव में दोनों दल यह दावा करते हैं कि वे इस 'रिवाज' को बदल देंगे, मगर चुनाव नतीजों से साफ होता है कि 5.25 करोड़ से अधिक मतदाता सरकार बदलने की परंपरा को बरकरार रखते हैं।
इसी परंपरा पर भरोसा करते हुए गोविंद राम मेघवाल ने यह बयान दिया है, जिससे उन्होंने कांग्रेस की संभावित जीत और अशोक गहलोत के फिर से मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद जताई है।
4 साल पहले शुरू हुई कुर्सी की लड़ाई
राजस्थान में कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष कोई नई बात नहीं है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच 4 साल पहले शुरू हुई कुर्सी की खींचतान का असर आज भी देखा जा सकता है। इस आंतरिक संघर्ष को भारतीय जनता पार्टी ने बार-बार मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमला किया है।
ऐसे में पूर्व मंत्री का मुख्यमंत्री पद को लेकर दिया गया बयान न केवल कांग्रेस की आंतरिक कलह को उजागर करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है।
पीएम मोदी के जयपुर दौरे पर नजरें
गोविंद राम मेघवाल का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब राजस्थान की राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयपुर दौरे को लेकर चर्चा जोरों पर है। आज पीएम मोदी राजस्थान में पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना का उद्घाटन करने वाले हैं, जो राज्य के 21 जिलों में जल संकट को समाप्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इसके अलावा, 43,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया जाएगा।
सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार इस मौके पर अपने एक साल के कार्यकाल का जश्न मना रही है, जबकि विपक्षी बीजेपी इन विकास योजनाओं को आगामी चुनावों के लिए मजबूत हथियार के रूप में देख रही है।
राजस्थान की सियासी हलचल
पूर्व मंत्री के बयान और प्रधानमंत्री मोदी के दौरे ने राज्य की राजनीति को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ला दिया है। जहां एक तरफ कांग्रेस आंतरिक विवादों से जूझती नजर आ रही है, वहीं बीजेपी इन मुद्दों को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। आगामी चुनावों से पहले ये घटनाक्रम राजस्थान की राजनीति के लिए अहम साबित हो सकते हैं।
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