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"मंत्री जी नरेश को रिहा करवाओ..." समरावता गांव में किरोड़ी लाल और बेढम को क्यों झेलनी पड़ी ग्रामीणों की नाराजगी?

Samravata Village Incident Rajasthan: राजस्थान के देवली-उनियारा जिले के समरावता गांव में हुए थप्पड़ कांड ने न केवल प्रशासनिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि इसे लेकर गांव के लोगों में भी जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। (Samravata...
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Samravata Village Incident Rajasthan: राजस्थान के देवली-उनियारा जिले के समरावता गांव में हुए थप्पड़ कांड ने न केवल प्रशासनिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि इसे लेकर गांव के लोगों में भी जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। (Samravata Village Incident Rajasthan) एसडीएम अमित कुमार को थप्पड़ मारने की घटना के बाद गांव में पुलिस कार्रवाई के दौरान उत्पन्न हिंसा ने सियासी माहौल गरमा दिया है। निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी और महिलाओं-बच्चों पर पुलिस के कथित अत्याचारों ने इसे एक गंभीर राजनीतिक मुद्दा बना दिया है।

घटना के बाद गांव में पहुंचे मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और जवाहर सिंह बेढ़म को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। समरावता में ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस कार्रवाई के दौरान निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया और उनकी जान-माल को भारी क्षति पहुंचाई गई। इस घटनाक्रम ने विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है, जिससे यह मामला राज्य की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया है।

ग्रामीणों की नाराजगी के बीच मंत्री लौटे वापस

समरावता गांव में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और जवाहर सिंह बेढ़म ग्रामीणों के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए और निर्दोष लोगों की हिरासत का विरोध किया। ग्रामीणों ने नरेश मीणा का समर्थन जताते हुए उनकी रिहाई की मांग की। बढ़ते विरोध को देखते हुए मंत्री बैठक बीच में छोड़कर गांव से लौट गए।

बाहरी लोग बिगाड़ रहे माहौल:

गांव से लौटने के बाद मीडिया से बात करते हुए जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि समरावता में कुछ बाहरी लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि समरावता के ग्रामीण सरकार के साथ हैं। इसके अलावा, बेढ़म ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी करतूतों के कारण गांव को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि समरावता को देवली से हटाकर उनियारा में शामिल किया जाना चाहिए।

नरेश की रिहाई पर मंत्री का कड़ा रुख

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने नरेश मीणा की रिहाई की मांग को खारिज करते हुए इसे "बेतुकी" बताया। उन्होंने कहा कि गांव के कुछ शरारती तत्व ग्रामीणों को भड़का रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही 10 लाख रुपये इकट्ठा कर लिए जाएं, फिर भी रिहाई संभव नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि नुकसान का सर्वे किया जाएगा और मदद प्रदान की जाएगी, लेकिन कानून के खिलाफ कोई भी कार्रवाई संभव नहीं है।

पुलिस कार्रवाई होगी निष्पक्ष

किरोड़ी लाल मीणा ने ग्रामीणों से अपील की कि किसी भी नुकसान की सूचना सरकार को दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सात मोटरसाइकिल गांव की और 32 बाहरी लोगों की जली हैं, और इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। सरकार ग्रामीणों को हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।

सियासत और षड्यंत्र का आरोप

मंत्री ने आरोप लगाया कि विरोध प्रायोजित है और कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे सरकार के साथ सहयोग करें और शांति बनाए रखें।

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