Rajasthan By-Election: सलूंबर में BJP का यह फॉर्मूला बन सकता है कांग्रेस के लिए बड़ा खतरा...जानें पूरा गणित
Rajasthan By-Election: राजस्थान विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। जैसे-जैसे नामांकन प्रक्रिया नजदीक आ रही है, सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों के चयन में जुट गई हैं। इस बार बीजेपी सलूंबर विधानसभा ("BJP Salumber Assembly)में टिकट बंटवारे के लिए 2021 वाला फॉर्मूला अपनाने की चर्चा कर रही है।
मेवाड़ क्षेत्र में सहानुभूति लहर का इतिहास रहा है, और अगर बीजेपी इस रणनीति को सफलतापूर्वक लागू करती है, तो दिवंगत विधायक अमृत लाल मीणा के परिवार से किसी सदस्य—उनकी पत्नी शांता देवी, बेटी प्रियंका मीणा, या बेटे अविनाश मीणा—को टिकट देने का निर्णय लिया जा सकता है।
2021 वाला फॉर्मूला... सहानुभूति का खेल
वर्ष 2021 में उदयपुर संभाग की वल्लभनगर और राजसमंद विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों ने सहानुभूति वोटों के महत्त्व को स्पष्ट किया। कांग्रेस ने वल्लभनगर विधायक गजेंद्र सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट देकर इस फॉर्मूले का प्रभावी प्रयोग किया। इसी तरह, बीजेपी ने राजसमंद में विधायक किरण माहेश्वरी के देहांत के बाद उनकी बेटी दीप्ति को उम्मीदवार बनाया।
इन दोनों सीटों पर इस फॉर्मूले का असर देखने को मिला, जिससे प्रत्याशियों ने भारी मतों से जीत हासिल की। हालांकि, धरियावद में बीजेपी ने इस रणनीति को अपनाने से परहेज किया और विधायक गौतमलाल मीणा के बेटे कन्हैयालाल को टिकट नहीं दिया, जिससे पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
सलूंबर में कौन-कौन दावेदार?
सलूंबर विधानसभा सीट पर दिवंगत विधायक अमृत लाल मीणा की पत्नी शांता देवी, जो वर्तमान में सेमारी की सरपंच हैं, प्रमुख दावेदार मानी जा रही हैं। यदि उनका नाम विवाद में आता है, तो उनके बेटे या बेटी में से किसी एक को भी टिकट मिल सकता है। इसके अलावा, बीजेपी के अन्य नेता जैसे नरेंद्र मीणा, जया मीणा, दया मीणा, उमेश मीणा, और सेमारी की पूर्व प्रधान सोनल मीणा भी टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं।
बीएपी का बढ़ता वोट बैंक
सलूंबर में भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) का वोट बैंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जो बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन सकता है। विधानसभा चुनाव 2023 में बीएपी के जीतेश मीणा ने 51,691 वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जबकि कांग्रेस के रघुवीर सिंह मीणा ने 65,395 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहकर अपनी ताकत दिखाई। बीजेपी के अमृत लाल मीणा ने 80,086 वोट लेकर जीत हासिल की, लेकिन अब बढ़ते बीएपी के दबदबे के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी अपनी स्थिति को कैसे मजबूत करती है।
गठबंधन का गणित
इस उपचुनाव में यदि इंडिया गठबंधन हुआ और कांग्रेस-बीएपी में से किसी एक दल के उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा, तो बीजेपी का गणित बिगड़ सकता है। सलूंबर से कांग्रेस ने आखिरी बार 2008 में जीत हासिल की थी। तब कांग्रेस के रघुवीर सिंह मीणा ने 65,140 वोट प्राप्त कर 23,353 मतों से जीत हासिल की थी। लेकिन पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस बड़े अंतर से हार गई है। अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस पूर्व सांसद व सलूंबर के पूर्व विधायक रघुवीर सिंह मीणा को अपना चेहरा बनाएगी, या फिर अन्य दावेदारों जैसे बसंती देवी मीणा और रेशमा मीणा पर विचार करेगी?
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