Rajasthan By-Election: हनुमान बेनीवाल की कांग्रेस के सामने शर्त...क्या सियासी दांव पलटेगा बाजी? जानिए पूरी कहानी
Hanuman Beniwal: सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है, जब सांसद हनुमान बेनीवाल ने (Hanuman Beniwal) आरएलपी और कांग्रेस के संभावित गठबंधन पर बड़ा बयान दिया है। बेनीवाल ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस अगर दो सीटें देने पर सहमत होती है, तभी यह गठबंधन हो पाएगा। उनका कहना है कि खींवसर और देवली-उनियारा सीटों पर RLP की दावेदारी रहेगी। यदि कांग्रेस से समझौता नहीं होता, तो आरएलपी अकेले झुंझुनू, देवली-उनियारा, खींवसर समेत अन्य सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है कि क्या यह गठबंधन होगा या बेनीवाल अकेले दम पर मोर्चा संभालेंगे?
खींवसर मेरे परिवार की तरह" - हनुमान बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल ने खींवसर विधानसभा क्षेत्र को अपने परिवार की तरह बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव के बाद खींवसर में जगह-जगह दौरा करने का अनुभव साझा किया, जिससे उन्हें स्थानीय जनता के साथ गहरे संबंध स्थापित करने का अवसर मिला। "हमारे परिवार के सदस्य पिछले आठ चुनावों में यहां जीत हासिल कर चुके हैं। यह क्षेत्र केवल एक चुनावी क्षेत्र नहीं है, बल्कि हमारे लिए एक भावनात्मक जुड़ाव है," उन्होंने कहा।
जनता की पसंद का उम्मीदवार
बेनीवाल ने चुनावी प्रक्रिया में जनता की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि इस बार भी खींवसर में उम्मीदवार जनता की पसंद के आधार पर चुना जाएगा। "हम दो दिन लोगों को इकट्ठा करेंगे, और वे ही तय करेंगे कि किसे उम्मीदवार बनाया जाए।" उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बार खींवसर की जनता भाजपा को हराने में सफल रहेगी, जैसा कि उन्होंने अतीत में किया है।
2 हजार वोट से जीतकर बने विधायक
हनुमान बेनीवाल ने खींवसर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए बीजेपी के रेवंत राम डांगा को 2,000 वोटों के अंतर से हराकर सफलता हासिल की। उनकी यह जीत न केवल व्यक्तिगत सफलता थी, बल्कि स्थानीय जनता के विश्वास की भी एक मिसाल थी।
चौथी बार विधायक बने
बेनीवाल ने खींवसर सीट से लगातार चार बार विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने पहली बार 2008 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद, 2013 में उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और सफल रहे। 2018 में, उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) का गठन किया और फिर से चुनाव में जीत हासिल की।
सांसद बनने का सफर
2019 में, हनुमान बेनीवाल एनडीए के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और सांसद बने। यह उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, लेकिन इसके बाद उन्होंने खींवसर विधानसभा सीट से इस्तीफा देने का कठिन निर्णय लिया। उनकी यात्रा राजनीतिक स्थिरता और जनता के विश्वास का प्रतीक रही है।
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