'सर्कस' शब्द के पीछे क्या छिपा है? मंत्री राठौड़ ने कांग्रेस पर क्यों साधा निशाना...जानें पूरी कहानी!
Rising Rajasthan : राजस्थान की सियासत में बवंडर आ गया है! कांग्रेस ने 'राइजिंग राजस्थान' (Rising Rajasthan) समिट को लेकर भजनलाल सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इसे 'सर्कस' करार दिया, जबकि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि बालिकाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है, जबकि सरकार विदेश यात्रा में व्यस्त है।
इस पर पलटवार करते हुए उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहाकि उनकी सरकार की कानून-व्यवस्था पिछले कार्यकाल से बेहतर है। उन्होंने दंभ से कहा, "हमने राजस्थान में 12 लाख 50 हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए हैं!" अब यह देखना होगा कि भजनलाल सरकार इस सियासी तूफान से कैसे निपटती है!
सर्कस तो कांग्रेस सरकार में हुआ... राठौड़ का कड़ा बयान
उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा है कि राज्य में शांति का माहौल है और उनकी सरकार इसे और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कांग्रेस की सरकार को निशाना बनाते हुए कहा, "जो लोग प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें पहले अपने शासनकाल को देख लेना चाहिए।" राठौड़ ने कहा कि पिछले चार वर्षों में यदि कोई सरकार निवेश समिट आयोजित कर करोड़ों रुपए खर्च करे, लेकिन उसका परिणाम न निकले, तो उसे सर्कस कहा जाएगा।
सर्कस से ज्यादा जिम्मेदारी
उन्होंने कहा, "जो सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं समझे और बार-बार 5 सितारा होटलों में जाकर अपने आपको पुलिस से घेर ले, वह सर्कस है।" राठौड़ ने यह भी कहा कि जो लोग विधानसभा में बालिका या महिला दुष्कर्म पर चर्चा करते समय इसे 'मर्दों का प्रदेश' कहकर टालते हैं, उन्हें भी सर्कस की संज्ञा दी जानी चाहिए।
निवेश का बड़ा आंकड़ा
राठौड़ ने यह भी बताया कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत अब तक 12 लाख 50 हजार करोड़ का निवेश हो चुका है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सभी एमओयू को धरातल पर उतारेगी।
निर्णय लेने की प्रक्रिया
नए जिलों के गठन पर राठौड़ ने कहा, "पिछली सरकार ने आनन-फानन में जिले बनाए, लेकिन हमारी सरकार पूरी तरह से सोच-समझकर इस पर फैसला करेगी।"
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