कर्मचारियों की लॉटरी... भजनलाल शर्मा ने दिया दीपावली का तौहफा, क्या है असली खेल?"
Bhajan Lal Sharma bonus scheme: राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को कर्मचारियों को चौंकाने वाली घोषणा की है! दीपावली के उपहार के रूप में तदर्थ बोनस की (Bhajan Lal Sharma bonus scheme) मंजूरी देकर उन्होंने राज्य के लगभग 6 लाख कर्मचारियों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ा दी है। इस निर्णय के साथ, जहां एक ओर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, वहीं सरकार पर लगभग 500 करोड़ रुपये का वित्तीय भार भी पड़ेगा। क्या यह कदम कर्मचारियों की मेहनत का असली इनाम है या चुनावी जुमला?
राजस्थान में कर्मचारियों को मिलेगा तदर्थ बोनस
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें राज्य कर्मचारियों को दीपावली के उपहार के रूप में तदर्थ बोनस देने की मंजूरी दी गई है। इस निर्णय से लगभग 6 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा।
कर्मचारी संघ की मांग पर सरकार का कदम
पिछले हफ्ते, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने तदर्थ बोनस को 7000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने की मांग की थी। इसके साथ ही, पूरे बोनस राशि को नकद भुगतान कराने की भी मांग की गई थी।
बोनस का विवरण
इस तदर्थ बोनस का लाभ सभी अराजपत्रित कर्मचारियों को मिलेगा, जबकि राज्य सेवा के अधिकारियों (RAS) को इससे बाहर रखा गया है। बोनस की गणना 7000 रुपये के अधिकतम लाभ और 31 दिन के माह के आधार पर की जाएगी। हर कर्मचारी को अधिकतम 6774 रुपये का तदर्थ बोनस मिलेगा, जिसमें से 75 प्रतिशत राशि नकद और 25 प्रतिशत राशि सामान्य प्रावधायी निधि खाते में जमा की जाएगी।
चुनावी जुमला या सच्चा इनाम?
कर्मचारी संघों ने इस बोनस को बढ़ाने की मांग की थी, जिसमें अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने तदर्थ बोनस को 7000 से 15,000 रुपये करने की अपील की थी। क्या यह कदम कर्मचारियों की मेहनत का असली इनाम है या सिर्फ एक चुनावी जुमला?
राज्य की वित्तीय स्थिति पर असर
भजनलाल सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है, लेकिन इसके साथ ही यह प्रश्न उठता है कि क्या राजस्थान की वित्तीय स्थिति इसे सहन कर सकती है। बोनस का भुगतान न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि सरकार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। राजस्थान के कर्मचारियों के लिए यह घोषणा एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई है, लेकिन अब देखना यह है कि सरकार इस कदम को कैसे लागू करती है और इसका दीर्घकालिक प्रभाव क्या होता है।
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