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क्या कोर्ट में गलत फैसले नहीं होते हैं?"अजमेर शरीफ विवाद कोर्ट पहुंचा, चंद्रशेखर आजाद ने उठाए सवाल

Ajmer Sharif Dargah: भारतीय लोकतंत्र में न्यायपालिका को एक सशक्त स्तंभ माना जाता है, जो समाज और संविधान के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करता है। लेकिन जब धार्मिक और संवेदनशील मामलों पर अदालतों में याचिकाएं स्वीकार की जाती हैं, तो यह...
04:17 PM Nov 28, 2024 IST | Rajesh Singhal

Ajmer Sharif Dargahभारतीय लोकतंत्र में न्यायपालिका को एक सशक्त स्तंभ माना जाता है, जो समाज और संविधान के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करता है। लेकिन जब धार्मिक और संवेदनशील मामलों पर अदालतों में याचिकाएं स्वीकार की जाती हैं, तो यह न केवल जनमानस में एक नई बहस को जन्म देती हैं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक विवादों को भी भड़काती हैं। (Ajmer Sharif Dargah) हाल ही में अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका कोर्ट द्वारा स्वीकार किए जाने पर दरगाह पक्ष को नोटिस जारी किया गया। यह मामला 20 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

इसी संदर्भ में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने न्यायपालिका और राजनीतिक तंत्र पर तीखे सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि इस तरह की खबरें हर सुबह देखने को मिलती हैं, और यह चिंताजनक है कि आने वाले समय में ऐसी कितनी याचिकाएं दर्ज होंगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस तरह के मामलों का उद्देश्य मुख्य समस्याओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार से ध्यान हटाना है। उनके बयान ने न्यायपालिका और प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो आने वाले दिनों में एक बड़ी राजनीतिक बहस का हिस्सा बन सकता है।

रोटी, कपड़ा और मकान से ध्यान हटाने की साजिश

नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अजमेर शरीफ दरगाह मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सब रोटी, कपड़ा, मकान और बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाने का एक षड्यंत्र है। उन्होंने कहा, "जब सरकार और न्यायपालिका मिलकर चीजों को अपनी तरह से चलाने की कोशिश करेंगी, तो उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। ऐसे में हमें संविधान की प्रस्तावना और कमजोर तबकों के साथ खड़ा होना होगा।"

1991 के वर्शिप एक्ट पर सवाल

चंद्रशेखर आजाद ने 1991 के वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह कानून संसद द्वारा बनाया गया है, लेकिन इसका पालन क्यों नहीं हो रहा है? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह विवाद उन्हीं राज्यों में सामने आ रहा है जहां बीजेपी की सरकारें हैं।

"क्या भारत में कोर्ट से गलत फैसले नहीं होते?"

सांसद ने न्यायपालिका पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या भारत में कोर्ट से गलत फैसले नहीं होते हैं? दिल्ली में गुरु रविदास जी का मंदिर कोर्ट के आदेश पर तोड़ा गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे दोबारा बनवाया।" उन्होंने कहा कि इस प्रकार के विवाद केवल समाज को बांटने और ध्यान भटकाने के लिए किए जा रहे हैं।

संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी याद दिलाने का वक्त

चंद्रशेखर ने देश की मौजूदा राजनीतिक और न्यायिक व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि इस समय संविधान की मूल भावना और गरीब तबकों के साथ खड़ा होना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "यह समय है जब हमें सचेत रहना होगा और इस तरह की साजिशों को पहचानना होगा।"

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