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Rajasthan By-Election 2024: पत्नी के प्यार में BJP को दिया धोखा! खींवसर से कांग्रेस के टिकट की इनसाइट स्टोरी

Rajasthan By-Election 2024: राजस्थान के उपचुनाव में (Rajasthan By-Election 2024)पहली बार राजनैतिक "लव जिहाद" का नजारा देखने को मिला है, और इसकी शुरुआत कांग्रेस ने की है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन राजनीतिक रणनीतियों में व्यक्तिगत...
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Rajasthan By-Election 2024: राजस्थान के उपचुनाव में (Rajasthan By-Election 2024)पहली बार राजनैतिक "लव जिहाद" का नजारा देखने को मिला है, और इसकी शुरुआत कांग्रेस ने की है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन राजनीतिक रणनीतियों में व्यक्तिगत संबंधों और चालों का गहरा असर होता है। प्रत्याशी चयन के दौरान, पार्टियां केवल अपने फायदे पर ध्यान नहीं देतीं; वे विपक्ष की हर चाल का बारीकी से अध्ययन करती हैं। यही कारण है कि हर चुनावी मुकाबला दिलचस्प और अप्रत्याशित बन जाता है।

पत्नी के प्यार ने भाजपा को किया फीका, खींवसर विधानसभा में सियासी ड्रामा का नया अध्याय खुल गया है! कांग्रेस ने सबकी उम्मीदों को धता बताते हुए बीजेपी नेता की पत्नी, डॉ. रतन चौधरी, को अपना प्रत्याशी बना दिया है। सवाई सिंह चौधरी, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे, अब अपनी पत्नी की उम्मीदवारी के कारण कांग्रेस के चुनावी खेल का अहम हिस्सा बन गए हैं।

इस चौंकाने वाले फैसले ने न केवल स्थानीय राजनीतिक समीकरणों को हिला दिया है, बल्कि चुनावी मैदान में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है। अब सभी की निगाहें इस अप्रत्याशित गठबंधन पर टिकी हैं,क्या यह कांग्रेस के लिए नया भाग्य लाएगा?

पत्नी को प्रत्याशी बनाते ही सवाई सिंह चौधरी ने भाजपा से दिया इस्तीफा!

बुधवार, 23 अक्टूबर की रात को कांग्रेस ने खींवसर विधानसभा सीट से डॉ. रतन चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया। इस निर्णय ने टिकट पाने की उम्मीद लगाए बैठे स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के मन में मायूसी की लहर दौड़ा दी। जैसे ही डॉ. रतन का नाम सामने आया, सवाई सिंह चौधरी ने तुरंत भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस के नेताओं का आभार जताया। यह घटनाक्रम न केवल राजनीतिक हलचल का संकेत है, बल्कि व्यक्तिगत संबंधों की जटिलता को भी उजागर करता है।

पहले कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सवाई सिंह चौधरी..

सवाई सिंह चौधरी, जो भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर होकर राजनीति में आए थे, पहले भी कांग्रेस के प्रत्याशी रह चुके हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से खींवसर से चुनाव लड़ा और 66,148 वोट हासिल किए, जबकि हनुमान बेनीवाल ने 83,096 वोटों के साथ चुनाव जीता। चुनावी हार के बावजूद चौधरी का कांग्रेसी नेताओं के साथ संबंध मजबूत बना रहा, जिसने उन्हें फिर से इस खेल में शामिल होने का मौका दिया।

भाजपा में जाने का निर्णय..

हालांकि, 18 सितंबर 2023 को सवाई सिंह चौधरी ने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया, यह सोचकर कि पार्टी उन्हें खींवसर से चुनाव मैदान में उतारेगी। लेकिन जब भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया और लोकसभा चुनाव में भी कोई स्थान नहीं मिला, तो उन्होंने फिर से कांग्रेस के संपर्क में आकर एक नई शुरुआत करने का मन बना लिया। अब जब कांग्रेस ने उन्हें एक बार फिर मौका दिया है, तो उन्होंने खुशी-खुशी पार्टी में वापसी की है।

लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं बेनीवाल.

खींवसर विधानसभा में हनुमान बेनीवाल का राज लंबे समय से कायम है। 2008 के चुनाव से लेकर अब तक, बेनीवाल ने हर चुनाव में जीत हासिल की है, चाहे वे भाजपा के प्रत्याशी के रूप में हों, निर्दलीय, या आरएलपी के तौर पर। अब, डॉ. रतन चौधरी के मैदान में आने से, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे बेनीवाल के प्रभाव को चुनौती दे पाएंगी, या यह चुनाव फिर से बेनीवाल के नाम रहेगा।

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