राजस्थान के 4 बहुचर्चित थप्पड़कांड, किसी ने खत्म कर दी विधायक की राजनीति...तो कोई लग गया बर्फ में!
Naresh Meena Slapped Case:राजस्थान के टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को उपचुनाव के दौरान एक राजनीतिक विवाद ने तूल पकड़ लिया। (Naresh Meena Slapped Case)निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद से राजनीतिक माहौल गरमा गया है। यह घटना न केवल स्थानीय राजनीति को प्रभावित कर रही है, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। नेताओं और अफसरों के बीच इस तरह की घटनाओं की लंबी परंपरा रही है, और यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें सत्ताधारी और विपक्षी नेताओं के बीच टकराव देखने को मिले। 22 साल पुराना एक मामला आज भी अदालत में लंबित है, जो इस प्रकार की राजनीतिक हिंसा को लेकर देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
1997 : देवी सिंह भाटी और पीके देव के बीच मारपीट का विवाद
1997 में भाजपा सरकार के समय, तत्कालीन सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने विभाग के सचिव पीके देव को अपने चैंबर में बुलाकर थप्पड़ मारा। मारपीट के बाद पीके देव की स्थिति देखकर उन्होंने मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत से शिकायत की, जिसके बाद मंत्री भाटी को मंत्री पद से हटा दिया गया। इस मामले को सीआईडी सीबी को सौंपा गया, और 22 साल बाद भाटी के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई, लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।
2001 : कांग्रेस विधायक बाबूलाल सिंगारिया द्वारा एसपी को थप्पड़
2001 में केकड़ी के कांग्रेस विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने अजमेर के एसपी आलोक त्रिपाठी को कलेक्टर की बैठक में थप्पड़ मार दिया था। इस मामले में केस दर्ज किया गया, और 2023 में सिंगारिया को तीन साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, उन्होंने सजा के खिलाफ अपील की और जमानत पर रिहा हो गए। इस घटना के बाद उनका राजनीतिक करियर गिरावट का शिकार हुआ।
2022 : पूर्व विधायक भवानी सिंह का आईएफएस अधिकारी से विवाद
2022 में, कांग्रेस के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने वन विभाग के अधिकारी आईएफएस रवि मीणा को थप्पड़ मारा। यह विवाद तब हुआ जब वन विभाग ने एक मंदिर के लिए बनी सड़क के काम को रोक दिया था।
इस घटना के बाद राजावत को गिरफ्तार किया गया और 10 दिन जेल में बिताए।
2022 : कांग्रेस विधायक मलिंगा और इंजीनियर के बीच मारपीट
2022 में, कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके समर्थकों ने बाड़ी में डिस्कॉम इंजीनियर हर्षदापति के साथ मारपीट की, जिसके परिणामस्वरूप इंजीनियर के हाथ-पैर टूट गए। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मलिंगा को सरेंडर करने का आदेश दिया। मलिंगा ने आरोपों से इंकार किया, लेकिन पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
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