Rajasthan: भजनलाल सरकार धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी, जानें क्या हैं नए प्रावधान!
इस नए कानून में कई कठोर प्रावधान शामिल किए जाने की संभावना है। यदि किसी व्यक्ति को जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो दोषियों को पांच साल की सजा और भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा, ऐसी गतिविधियों में शामिल संगठनों का पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है, ताकि इस तरह के कृत्यों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
कानून मंत्री का ऐलान: धर्मांतरण पर होगा कड़ा प्रावधान
प्रदेश के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने स्पष्ट किया है कि जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण विरोधी बिल पेश किया जाएगा। राज्य सरकार ने विधि विभाग को इस बिल का ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
धर्मांतरण में शामिल संस्थाओं पर कार्रवाई होगी सख्त
इस प्रस्तावित बिल में जबरन धर्मांतरण करने वालों के लिए जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान होगा। साथ ही, धर्म परिवर्तन में शामिल एनजीओ या संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण रोकने की पहल
मंत्री पटेल ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में धर्मांतरण की शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि गरीब और अशिक्षित लोगों को झूठे सपने दिखाकर धर्मांतरण कराया जा रहा है, जिसे रोका जाएगा।
पूर्ववर्ती कानूनों का भी होगा अध्ययन
राज्य सरकार उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के धर्मांतरण विरोधी कानूनों का अध्ययन कर रही है। 2006 और 2008 में वसुंधरा राजे सरकार के समय पास किए गए धर्म स्वातंत्र्य बिल के कई प्रावधानों को भी इस नए बिल में शामिल किया जा सकता है।
धर्मांतरण के लिए कलेक्टर की मंजूरी अनिवार्य
2008 के बिल के अनुसार, धर्म बदलने के लिए कलेक्टर की मंजूरी आवश्यक थी। नए बिल में भी इस प्रावधान को जोड़ा जा सकता है, जिसमें कलेक्टर को सूचना देने की समय सीमा बढ़ाई जाएगी।
धर्मांतरण का ब्यौरा और घोषणा पत्र आवश्यक
नए कानून के अंतर्गत, धर्म परिवर्तन के लिए एक घोषणा पत्र जमा करना अनिवार्य होगा, जिसमें धर्म परिवर्तन करने वाले का पूरा विवरण कलेक्ट्रेट में दर्ज कर एक कॉपी सूचना बोर्ड पर भी लगाई जाएगी।
आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण पर सख्त सजा और जुर्माना
राजस्थान सरकार के नए कानून में बच्चों, महिलाओं और एससी-एसटी समुदाय के लोगों के धर्मांतरण पर 5 से 10 साल तक की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश है।
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