Rajasthan: शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा...'सीएम भजनलाल के घर पैसों का पेड़ नहीं लगा!
Madan Dilawar statement : राज्य स्तर पर अर्द्धवार्षिक परीक्षा के शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर निजी स्कूल संचालकों और शिक्षा विभाग के बीच तकरार जारी है। जहां एक ओर स्कूल संचालक इस शुल्क वृद्धि का विरोध कर रहे हैं, (Madan Dilawar statement )वहीं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसे जायज ठहराते हुए एक दिलचस्प बयान दिया है।
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि पहले अर्द्धवार्षिक परीक्षा का शुल्क 6 रुपए था, जो अब बढ़कर 20 रुपए हो गया है, और इस बढ़ोतरी को उन्होंने भ्रष्टाचार करार दिया है। वहीं, मदन दिलावर ने इसे अत्यधिक मामूली बताते हुए कहा कि यह शुल्क उतना ही है जितना लोग एक दिन में गुटखा खा जाते हैं। क्या यह विवाद सच में सिर्फ शुल्क की बढ़ोतरी का है, या इसके पीछे कुछ और छिपा है?
अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुल्क वृद्धि पर विवाद
राज्य स्तर पर अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के पेपर तैयार करने को लेकर शिक्षा विभाग और निजी स्कूल संचालकों के बीच विवाद गहरा गया है। इस बार विभाग ने प्रति विद्यार्थी 20 रुपए का शुल्क तय किया है, जबकि पिछले साल तक यह 6 रुपए था। यदि विद्यार्थी दोनों परीक्षाओं में भाग लेता है, तो शुल्क बढ़कर 40 रुपए हो जाएगा।
पिछले साल तक, परीक्षा जिला स्तर पर आयोजित होती थी, और दोनों परीक्षा के लिए शुल्क केवल 10 रुपए था। इस बढ़ोतरी का विरोध करते हुए निजी स्कूल संचालक इसे भ्रष्टाचार का हिस्सा मान रहे हैं।
"पैसा तो जनता से ही आएगा"
इस विवाद के बीच, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस बढ़ी हुई शुल्क को सही ठहराते हुए कहा, "पेपर का पैसा लेना कोई बुरा नहीं है। पैसा जनता से ही आना है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के यहां पैसे का पेड़ नहीं लगा है।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को ज्यादा लगता है तो वह एक दिन गुटखा छोड़ दे, इससे शुल्क का काम हो जाएगा।
यह भी पढ़ें:Rajasthan: गहलोत की 100 करोड़ की योजना को भजनलाल ने किया खत्म! क्या नया बदलाव आएगा?
यह भी पढ़ें:"राजस्थान मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल"! नए विधायकों को मिल सकती है महत्वपूर्ण जगह, विभागों में बदलाव