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बदलाव की लहर! कांग्रेस में नई नियुक्तियों से बदलेगा सियासी समीकरण, कौन होगा पार्टी का नया चेहरा?

कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया तेज कर दी है।
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Congress Organizational Reshuffle: कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। उड़ीसा में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद राजस्थान में भी नए चेहरे लाने और निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने की चर्चा तेज हो गई है।(Congress Organizational Reshuffle) सूत्रों के मुताबिक, पार्टी उदयपुर डिक्लेरेशन को अमल में लाने के लिए युवा और जमीनी नेताओं को संगठन में अहम भूमिका देने पर विचार कर रही है।

गहलोत-पायलट गुटों में संतुलन साधने की चुनौती

राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। गहलोत और पायलट गुट के बीच सत्ता-संगठन का समीकरण साधना कांग्रेस नेतृत्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पार्टी अब ऐसा फॉर्मूला तैयार कर रही है, जिससे दोनों खेमों को संतुलित रखा जा सके और संगठन मजबूत भी हो। नए प्रदेशाध्यक्ष, जिलाध्यक्षों और प्रकोष्ठों के प्रमुखों की नियुक्ति में यह गुटीय संतुलन अहम भूमिका निभाएगा।

कांग्रेस संगठन में होगा बड़ा बदलाव

कांग्रेस संगठन में पिछले कुछ वर्षों से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल और विभिन्न प्रकोष्ठों में निष्क्रिय नेताओं को हटाने की तैयारी है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान जिन पदाधिकारियों की भूमिका कमजोर रही, उन्हें संगठन से हटाकर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा।

दिल्ली तक जारी नेताओं की लॉबिंग

नई नियुक्तियों को लेकर राजस्थान कांग्रेस के नेता दिल्ली दरबार में सक्रिय हो गए हैं। संगठन में जगह बनाने के लिए दिल्ली में बड़े नेताओं से मुलाकातों का दौर जारी है। कुछ नेताओं ने राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर संगठन में अहम भूमिका देने की मांग की है।

ब्लॉक और बूथ स्तर तक होगा पुनर्गठन

पार्टी सिर्फ शीर्ष नेतृत्व में ही नहीं, बल्कि ब्लॉक, बूथ और मंडल स्तर तक संगठन को दुरुस्त करने का मन बना चुकी है। पीसीसी में हाल ही में कुछ नई नियुक्तियां हुई हैं, लेकिन अब जिलों से लेकर बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए नए चेहरों को जिम्मेदारी दी जाएगी।

क्या नए नेतृत्व से कांग्रेस मजबूत होगी या कलह बढ़ेगी?

संगठनात्मक बदलावों के बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस इन बदलावों से मजबूत होगी या गुटीय कलह और तेज होगी? विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश कांग्रेस गुटबाजी, निष्क्रियता और कमजोर सांगठनिक ढांचे से जूझ रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि नई नियुक्तियों से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी या फिर अंदरूनी संघर्ष और बढ़ेगा।

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